48 साल बाद भारतीय वायुसेना ने फिर तोड़ा पाकिस्तान का गुरूर

1971 की लड़ाई के बाद भारतीय वायु सेना ने पहली बार पाकिस्तान की सीमा में घुसकर धावा बोला है. पाकिस्तान इस मुगालते में जी रहा था कि भारत ऐसा हरगिज नहीं करेगा. दरअसल पाकिस्तान एक झूठ के आधार पर भारत की शांति में आग लगा रहा था. वो अपनी ताकत को भारत के बराबर समझ बैठा था. बार-बार समझाने के बाद भी उसने अपनी सीमा नहीं समझी तो 48 साल बाद वायु सेना को उसकी सीमा में घुसना पड़ा.
पाकिस्तान में पनाह पाने वाले आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद ने 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया. इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए, जिससे पूरा देश उबल उठा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलेआम हिसाब बराबर करने की चेतावनी दे दी. इसके बाद कल सवेरे (26 फरवरी) आगरा और बरेली से 12 मिराज 2000 विमानों ने उड़ान भरी. वहीं ग्वालियर से हवा में ईंधन भरने वाले एयरक्राफ्ट उड़े.
12 मिराज का बेड़ा एक साथ बालाकोट की ओर बढ़ रहा था. कोई तीस किलोमीटर तक चलने के बाद कुछ विमानों ने दिशा बदल दी. कुछ ही पलों में पाक अधिकृत कश्मीर के चकोटी, मुजफ्फराबाद और बालाकोट के आतंकी ठिकानों से आग निकल रही थी.