शपथ लेते ही बोले डोनाल्ड ट्रम्प -डब्ल्यूएचओ से आउट थर्ड जेंडर, ब्रिक्स का धमकी इमिग्रेशन पर बेहद कड़क- डोनाल्ड ट्रम्प

नई दिल्ली. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शपथ लेते ही अमेरिकी प्रशासन में बड़े स्तर पर फेरबदल शुरू कर दिया है। ट्रम्प ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले संबोधन में कहा है कि अमेरिका के स्वर्ण युग अवतरण आज से प्रारंभ हो गया है। उन्होंने अमेरिका में थर्ड जेंडर को अमान्य घोषित कर दिया है।
ट्रम्प ने अपन जोशीले उद्घाटन भाषण में 78 वर्षीय ट्रम्प ने अगले 4 वर्षो के लिये अपना विजन प्रस्तुत किया है। ट्रम्प ने 20 जनवरी को अमेरिका के लिये ’’मुक्ति दिवस‘‘ की घोषण की और कहा है कि अमेरिकी पतन का समय समाप्त हो गया है। वह बहुत जल्दी बदलाव लायेंगे। ट्रम्प ने कहा है कि अमेरिका का स्वर्णिम युग अभी शुरू हो रहा है। इस दिन से हमारा देश फलेगा-फूलेगा और पूरी दुनिया में फिर से सम्मान प्राप्त क रेगा। ट्रम्प ने कहा है िक वह ऐसा अमेरिका बनायेंगे जिससे दूसरे देशों को जलन होगी। अब हम लोग दूसरे देशों को लाभ नहीं उठाने दें।
1.WHO को गुडबॉय
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा कदम लेते हुए अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन से बाहर कर लिया है. अब अमेरिका WHO का सदस्य नहीं रह गया है. इस फैसले की वजह से WHO पर भारी असर पड़ने वाला है. WHO को अमेरिका से मिलने वाली फंडिंग बंद हो जाएगी. इसका असर दुनिया भर में चल रही WHO की कई स्कीम पर पड़ने वाला है. डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को जलवायु परिवर्तन पर महत्वाकांक्षी पेरिस समझौते से भी हटने का फैसला किया है. ट्रंप ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जो उनके चुनावी वादे को पूरा करता है. ट्रंप ने कहा, “मैं अनुचित एकतरफा पेरिस जलवायु समझौते से तुरंत हट रहा हूं.”
2.फ्री स्पीच की पैरवी
अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की पैरवी की है. डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सरकारी एजेंसियों को अमेरिकियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन न करने का निर्देश दिया गया.
कैपिटल वन एरिना में कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने से पहले ट्रम्प ने कहा, “अमेरिका में हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं और हम इसे एक औजार के रूप में इस्तेमाल करने से रोकने के लिए इससे जुड़ा आदेश आज से इसे वापस ला रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि कार्यकारी आदेश का उद्देश्य फेडरल सरकार द्वारा अमेरिकी लोगों पर सेंसरशिप को तुरंत समाप्त करना है.
3.BRICS को धमकी
राष्ट्रपति ट्रंप ने ब्रिक्स देशों के समूह को धमकी दी है और कहा है कि अगर ये समूह अमेरिका विरोधी नीतियां लाता है तो उन्हें भी परिणाम भुगतना पड़ेगा और वे खुश नहीं रह पाएंगे. गौरतलब है कि ब्रिक्स में भारत भी शामिल है. ट्रंप ने कहा कि इन देशों ने अमेरिका के हितों के विपरित कई चीजें करने की कोशिश की, अगर ये देश आगे भी ऐसा करते रहते हैं तो फिर उनके साथ जो होगा उसके बाद वे देश खुश नहीं रह पाएंगे.
बता दें कि ट्रंप पहले ब्रिक्स की ओर से एक अलग करेंसी लाने का विरोध कर चुके हैं. ट्रंप की इस घोषणा के बाद ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से उसके टकराव बढ़ सकते हैं.