प्रयागराज में छोटे त्‍योहारों पर लगता था जाम, पर 3.5 करोड़ के पहुंचने पर भी नहीं फंसे शहर में लोग

प्रयागराज. शहर में छोटे-छोटे त्‍यौहारों पर जाम लग जाता था. स्‍थानीय लोग यह मान चुके थे कि मकर संक्रांति के दिन जाम में फंसना तय है. पूरा शहर जाम में फंसा रहेगा. लेकिन करीब 3.5 करोड़ लोगों के पहुंचने के बाद भी शहर में जाम नहीं लगा. ये लोग किसी न किसी प्‍वाइंट पर शहर से होकर संगम पहुंचे थे. क्‍या रही इसकी वजह, आइए जानें-

प्रयागराज शहर के डीआईजी अजय पाल शर्मा ने बताया कि ट्रैफिक जाम और सुरक्षा को लेकर खास ब्‍लू प्रिंट तैयार कर रखा है, जिससे महाकुंभ पर्व शांतिपूर्ण तरीके से निपटे और जाम की वजह से शहर के लोगों की रूटीन लाइफ डिस्‍टर्ब न हो. ट्रैफिक व्‍यवस्‍था के लिए एआई तकनीक की भी मदद ली गयी है. यही वजह रही है कि छोटे मोटे त्‍योहारों में जाम लगने वाले शहर में इतनी भारी संख्‍या में लोगों के आने के बाद भी जाम नहीं लगा.

अजय पाल शर्मा ने बताया कि शहर में तमाम स्‍थानों पर बड़ी-बड़ी अस्‍थाई पार्किंग बनाई गयी थी. ये वे स्‍थान थे, जहां पर बाहर से ट्रैफिक पहुंच रहा था. कई जगह डायवर्जन लागू किया गया. इसका सोशल मीडिया के माध्‍यम से खूब प्रचार किया गया. इस वजह से लोगों को पता था कि वाहन कहां तक जाएगा और कहां पार्क करना है?

एआई तकनीक का इस्‍तेमाल

इसके अलावा एआई तकनीक की भी मदद ली जा रही है, जिधर ट्रैफिक ज्‍यादा होने की संभावना थी, पहले से अतिरिक्‍त पुलिस कर्मियों की तैनाती कर दी गयी थी. इसी के अनुसार डायवर्जन प्‍लान भी लागू किया गया. इसके साथ ही, जवानों से लेकर डीसीपी स्‍तर के अधिकारी स्‍वयं सड़कों पर उतर कर ट्रैफिक संभाल रहे थे. इन वजह से शहर की ट्रैफिक व्‍यवस्‍था चरमराई नहीं. स्‍थानीय लोगों को शहर में  जाम में नहीं फंसना पड़ा.

भारी वाहनों को डायवर्ट किया गया

मकर संक्रांति को ध्‍यान में रखते हुए जिले के सभी एंट्री प्‍वाइट पर भारी वाहनों के लिए रूट डायववर्ट किया गया. इस तरह 11 जनवरी की सुबह आठ बजे से 15 जनवरी की सुबह आठ बजे तक प्रयागराज में भारी वाहनों की नो इंट्री रही. रूट डायवर्जन का शत प्रतिशत पालन कराने के लिए जिलों के पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है.