कलेक्टर को हाईकोर्ट में हाजिर होने की चेतावनी, नामांतरण नहीं किया तो अवमानना के आरोप होंगे तय

ग्वालियर. कलेक्टर रूचिका चौहान की परेशानियां बढ़ती दिखाई दे रही है। लोहा मंडी की जमीन के नामांतरण के मामले में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए हाईकोर्ट ने कलेक्टर को चेतावनी देते हुए कहा है कि 12 अप्रैल तक यदि 29 नवम्बर को दिये गये आदेश का पालन नहीं किया गया तो सुबह 10.15 बजे कलेक्टर अधीनस्थ अधिकारियों के साथ हार्हकोर्ट में उपस्थित रहेंगे। उनके खिलाफ अवमानना के आरोप तय किये जायेंगे। दरअसल, यह मामला चिरवई स्थित 14 बीघा 15 बिस्वा जमीन का है। जिस पर ग्वालियर विकास प्राधिकरण और गिरवर सिंह के परिजन दावा कर रहे हैं। यह जमीन प्राधिकरण ने नवीन लोहामंडी के लिये आवंटित की है।
वहीं इस जमीन के संबंध में गिरवर सिंह के पक्ष में 25 फरवरी 2010 को जिला न्यायालय में डिक्री हुई थी । जिला न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट तक में शासन ने चुनौती दी थी। लेकिन हार ही मिली। उक्त जमीन पर गिरवर सिंह के वंशज ने नाम दर्ज करने के लिये जब राजस्व विभाग में आवेदन दिया तो अधिकारियों ने आवेदन खारिज कर दिया और इसके बाद 2017 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। 29 नवम्बर को हाईकोर्ट ने गिरवर सिंह के परिजनों का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज करने का आदेश दिया था।इस आदेश के खिलाफ शासन ने अपील की, जिसे 26 फरवरी 2024 को खारिज कर दिया गया। इसके बाद भी आदेश का पालन नहीं होने पर गिरवर सिंह के परिजनों ने अवमानना याचिका दायर की। बुधवार को हुई सुनवाई में तहसीलदार रमाशंकर सिंह और नायब तहसीलदार शिवदत्त मौजूद रहे। वे कोर्ट को ये नहीं बता पाए कि आदेश का पालन क्यों नहीं हो सका। इसके चलते कोर्ट ने अब कलेक्टर को भी अगली सुनवाई पर तलब किया है।