तमिलनाडु में ऑनलाइन जुए पर कसेगा कानून का शिकंजा, CM एमके स्टालिन ने दिया यह अहम आदेश

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को राज्य में ऑनलाइन जुए (Online Rummy) के खिलाफ एक आपातकालीन कानून पारित करने के लिए समिति के गठन का आदेश दिया. समिति की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के चंद्रू करेंगे, जो अपनी सामाजिक सुधार के मुद्दों की वकालत, लिंग और जाति से संबंधित मुद्दों पर अपने ऐतिहासिक निर्णयों के लिए जाने जाते हैं. सीएम स्टालिन का यह आदेश चेन्नई में एक 29 वर्षीय महिला द्वारा कथित तौर पर 6 जून को आत्महत्या करने के बाद आया है. उस महिला ने ऑनलाइन रम्मी गेम में 20 सोने के गहने और 3 लाख रुपये गंवाने के बाद मौत को गले लगा लिया था.

कोरोना महामारी के कारण देश में लागू किए गए पहले लॉकडाउन के दौरान भवानी नाम की महिला ने ऑनलाइन जुआ खेलना शुरू किया था. परिवार के सदस्यों की चेतावनी के बावजूद किसी दिन बड़ी कमाई की उम्मीद में वह ऑनलाइन रम्मी गेम खेलती रही. परिवार वालों का कहना है कि उसने ऑनलाइन जुआ खेलने के लिए अपने सोने के गहने गिरवी रखकर पैसे लिए थे. उसे हार का सामना करना पड़ा. भवानी ने अपनी 2 बहनों से भी 1.5 लाख रुपये यह कहकर उधार लिया था कि वह इन पैसों से अपने गिरवी रखे गहने वापस लाएगी. पुलिस ने पाया कि अपनी मृत्यु से 4 दिन पहले भवानी ने अपनी एक बहन को बताया था कि उसने पैसे खो दिए हैं और फिर से ऑनलाइन रम्मी नहीं खेलने का वादा किया था.

तमिलनाडु में ऑनलाइन जुए के कारण आत्महत्या के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है

तमिलनाडु में ऑनलाइन जुए के कारण होने वाली मौतों में वृद्धि देखी जा रही है, जो विपक्षी राजनीतिक दलों के बीच भी चर्चा का विषय रहा है. अन्नाद्रमुक के समन्वयक ओ पनीरसेल्वम ने तमिलनाडु सरकार से ऑनलाइन जुए के खिलाफ ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है, जो ‘कई परिवारों को सड़कों पर लाने’ के लिए जिम्मेदार है. शक्तिशाली वन्नियार समुदाय की राजनीतिक शाखा पाताली मक्कल काची (पीएमके) ने राज्य में ऑनलाइन जुए के खिलाफ 10 जून को विरोध का आह्वान किया है. पीएमके के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अंबुमणि रामदास ने एक बयान में कहा कि पिछले 10 महीनों में ऑनलाइन जुए में पैसे गंवाने के बाद राज्य में 22 लोगों ने आत्महत्या की है.

कोर्ट ने भी दिया था ऑनलाइन जुए को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने का सुझाव

रामदास ने कहा कि अदालत द्वारा ऑनलाइन जुए को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने का सुझाव देने के बाद भी राज्य सरकार कानून में संशोधन करने में विफल रही है. पीएमके नेता ने कहा कि पार्टी ऑनलाइन जुए को नियंत्रित करने के लिए एक कानून बनाने के लिए लगातार अभियान चला रही है और सरकार को कई ज्ञापन सौंपे हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने इससे पहले राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान ऑनलाइन गेमिंग का मुद्दा उठाया था और सरकार से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को कानून के तहत नियंत्रित करने की मांग की थी.

सुशील मोदी ने दिसंबर 2021 में संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में कहा था, ‘ऑनलाइन गेमिंग उद्योग तेजी से फल-फूल रहा है, युवाओं को इससे जुड़ने और आदी होने के लिए आकर्षित कर रहा है. ऑनलाइन गेमिंग पर बिताया गया स्क्रीन-टाइम लॉकडाउन के दौरान पूर्व-कोविड समय में 2.5 घंटे से बढ़कर 4 घंटे हो गया है.’ उन्होंने कहा था कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने वित्त वर्ष 2011 में 43.3 करोड़ उपयोगकर्ताओं से 13,600 करोड़ रुपये कमाए और वित्त वर्ष 2015 में इस उद्योग का राजस्व 65.7 करोड़ उपयोगकर्ताओं से बढ़कर 29,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. राज्यसभा सदस्य ने कहा था कि मोबाइल डाउनलोड की संख्या में भी वृद्धि हुई है.