रूस से सस्ते तेल खरीद पर ज्ञान दे रही थीं ब्रिटिश विदेश मंत्री, जयशंकर ने ऐसे की बोलती बंद

रूस बीते एक महीने से यूक्रेन पर हमले (Russia-Ukraine War) कर रहा है. इस बीच ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज़ ट्रस (Liz Truss) भारत दौरे पर आई हैं. गुरुवार को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) के साथ ब्रिटेन की समकक्ष लिज़ ट्रस की तीखी बहस हो गई. दरअसल, ट्रस भारत के विदेश मंत्री को रूस से सस्ते रेट पर तेल खरीदने पर ज्ञान दे रही थीं. ऐसे में जयशंकर ने उनकी बोलती बंद कर दी.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता के बीच रूस से ‘अच्छे और सस्ते सौदे’ के भारत के फैसले का बचाव किया. उन्होंने कहा कि यूरोपीय देश रूसी तेल और गैस के सबसे बड़े खरीदारों में से हैं. जयशंकर ने यह टिप्पणी भारत-ब्रिटेन सामरिक फ्यूचर्स फोरम में अपने ब्रिटिश समकक्ष लिज़ ट्रस के साथ बातचीत में की.

यूक्रेन संकट पर व्यापक कूटनीतिक दबाव के तहत ट्रस भारत के एक दिवसीय दौरे पर थीं. दोनों मंत्री भारत द्वारा रियायती कीमतों पर कच्चे तेल की रूस की पेशकश को लेने के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
समिट में सामने आए भारत-ब्रिटेन के मतभेद
ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस के भारत दौरे के दौरान रूस पर प्रतिबंधों को लेकर भारत और ब्रिटेन के बीच मतभेद खुलकर सामने आए. ट्रस की मौजूदगी में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रूस पर प्रतिबंधों की बात करना “एक अभियान जैसा” लगता है, जबकि यूरोप रूस से युद्ध के पहले की तुलना में ज्यादा तेल खरीद रहा है.

जयशंकर ने कहा, “यह दिलचस्प है क्योंकि हमने कुछ समय के लिए देखा है कि इस मुद्दे पर लगभग एक अभियान जैसा दिखता है.” जयशंकर ने बताया कि यूरोप ने फरवरी की तुलना में मार्च में रूस से 15% अधिक तेल और गैस खरीदा है. उन्होंने कहा, “जब तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो मुझे लगता है कि देशों के लिए बाजार में जाना स्वाभाविक है और यह देखना कि उनके लोगों के लिए क्या अच्छे सौदे हैं.”

जयशंकर ने बताया कि रूसी तेल और गैस के प्रमुख खरीदार यूरोप से हैं, जबकि भारत की ऊर्जा आपूर्ति का बड़ा हिस्सा मध्य पूर्व से है और लगभग 8% अमेरिका से है. उन्होंने कहा कि भारत की कच्चे तेल की खरीद का 1% से भी कम रूस से है.