पूर्व जज के खाते से ठगों ने निकाले थे 5 लाख, अब इलाहाबाद HC ने कहा- सायबर ठगी होती है तो बैंक भी ले जिम्मेदारी

प्रयागराज. पूर्व न्यायाधीश पूनम श्रीवास्तव (Judge Poonam Srivastava) के बैंक अकाउंट से पांच लाख रुपये की सायबर ठगी (Cyber fraud) के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अहम फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने बैंक खातों में जमा पैसों को लेकर कहा कि इसकी जिम्मेदारी बैंक की भी होनी चाहिए. यदि ग्राहक सायबर ठगी का शिकार बनता है तो इसे लेकर बैंक जिम्मेदारी लें. कोर्ट ने कहा कि बैंक में पैसा जमा करने वाले देश के प्रति ज्यादा ईमानदार हैं. उनका पैसा हर हाल में सुरक्षित रहना चाहिए.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में सायबर ठकी को लेकर एक मामला चल रहा था. पूर्व न्यायमूर्ति पूनम श्रीवास्तव के बैंक खाते से 5 लाख की सायबर ठगी हुई थी. इसी मामले में तथ्यों के आधार पर लंबी सुनवाई की गई. हाईकोर्ट ने झारखंड के सायबर ठगी करने वाले सभी आरोपियों की जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया. जिन लागों की जमानत अर्जी खारिज की गई उनमें नीरज मंडल उर्फ राकेश, तपन मंडल, शूबो शाह उर्फ शुभाजीत व तौसीफ के नाम शामिल हैं. इनकी ओर से जमानत के लिए आवेदन किया गया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.

यह था मामला

सायबर ठगी का यह मामला पूर्व न्यायमूर्ति पूनम श्रीवास्तव से जुड़ा है. पूनम श्रीवास्तव को 4 दिसंबर 2020 को रांची से मोबाइल नंबर पर एक फोन आया था. कॉल करते हुए सायबर ठग ने ग्राहक से खुद को बैंक कर्मचारी बताते हुए पासबुक, आधार और पेन नंबर की मांग की. इसके बाद ही उनके खाते से पांच लाख रुपये निकाल लिए गए. खाते से पैसा कटने के बाद वह हैरान रह गईं. उन्होंने 8 दिसंबर 2020 को कैंट थाना प्रयागराज में इसको लेकर एफआईआर दर्ज करा दी.

पुलिस ने किया था अभियुक्तों को गिरफ्तार

एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी. मामला न्यायमूर्ति से जुड़ा था इसलिए पुलिस ने इसके खुलासे के लिए पूरी ताकत लगा दी. एक्सपर्ट की मदद से पुलिस ने अभियुक्तों तक पहुंचकर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और चार्जशीट दाखिल कर दी.

आरोपियों ने की सभी दलीलें खारिज

इस मामले के आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया था. अपने को बिना साक्ष्य के फंसाने का आरोप लगाते हुए जमानत पर रिहा करने के लिए उनके द्वारा अर्जी दाखिल की गई थी. जिसे जस्टिस शेखर कुमार यादव की एकल पीठ ने खारिज कर दिया.

गौरतलब है कि न्यायमूर्ति पूनम श्रीवास्तव झारखंड हाईकोर्ट में जज रह चुकी हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट से उनका तबादला किया गया था.