पीलीभीत: बेटे ने की पत्नी की हत्या तो सास ने निभाया मां का फर्ज, बहू को दी मुखाग्नि

पीलीभीत. कहा जाता है कि मां का प्रेम अनेकों रूप में देखा जा सकता है, मगर पीलीभीत (Pilibhit) जिले में यह प्रेम एक सास के रूप में देखा गया. बेटे ने पत्नी की हत्या कर दी तो सास बसंती ने अपनी बहू को मुखाग्नि (Last Rites) दी और एक मां का फर्ज निभाया. एक सास द्वारा बहू को मुखाग्नि देने का विषय जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. मामला बिलसंडा थाना क्षेत्र के गांव परेवा तुर्राह का है. जहां विमल कुमार नाम का एक युवक ने अपनी पत्नी की हत्या कर शव को दफ़न कर दिया. जिसकी जानकारी खुद सास बसंती ने पुलिस को दी और अंतिम संस्कार किया.

दरअसल, 1 साल पहले आरोपी विमल दिल्ली काम करने गया था, वहां पर उसकी मुलाकात 28 वर्षीय नैना नाम की लड़की से हुई दोनों में प्रेम प्रसंग हुआ और दोनों ने आपस में शादी कर ली. शादी करने के बाद दोनों गांव चले आए. विमल कुमार को नशे की आदत थी, जिसके चलते वह हमेशा अपनी पत्नी नैना को मारा-पीटा करता था. दो दिन पहले ही उसने नैना को बुरी मारा पीटा. इससे भी उसका दिल नहीं भरा तो उसने नैना की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को ले जाकर एक गड्ढे में दफन कर दिया. साक्ष्य मिटाने के लिए उसने इसकी सूचना पुलिस को दी दे दी. यह सब माजरा विमल की मां और नैना की सास बसंती भी देख रही थी. उसने पूरा माजरा गांव के प्रधान पति धर्मेंद्र गंगवार को बताया तो मामला पुलिस में गया. पुलिस ने डेड बॉडी को निकलवाया और पोस्टमार्टम कराया. उसके बाद इस डेड बॉडी को बसंती के सुपुर्द कर दिया. क्योंकि नैना का यहां पर कोई नहीं था तो, सांस बसंती नैना की डेड बॉडी लेकर गांव चली गई. उसने हिंदू परंपरा से नैना का अंतिम संस्कार करने की ठानी. अंतिम संस्कार में उसने नैना को खुद मुखाग्नि देने का जिम्मा उठाया.

गांव से लेकर जिले में बना चर्चा का विषय

जब बसंती ने नैना की डेड बॉडी को चिता पर रखा और उसको मुखाग्नि दी तो आसपास जमा लोगों के भी आंखों में आंसू आ गए. यह पूरा मामला सोशल मीडिया में वायरल हुआ और पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग बसंती की दिल भर कर तारीफ कर रहे हैं. उनका कहना है कि ऐसी ही सास सभी को मिले.

क्या कहना है विद्वानों का

हिंदू धर्म के जानकार लोगों का कहना है कि एक महिला किसी को भी मुखाग्नि दे सकती है, अगर उसके घर में कोई भी पुरुष ना हो. और यह तो एक बहुत बड़ा पुण्य का काम हुआ है जब एक सास ने अपनी बहू को मुखाग्नि दी है. यह मिसाल बनेगी देश और दुनिया के लिए.