मुरैना में वन टीम पर रात में फायरिंग कर छीन ले गए जेसीबी

मुरैना. पत्थर माफिया ने एक बार फिर वन विभाग की टीम पर हमला बोल दिया। वन विभाग की टीम ने रात में अवैध उत्खनन कर रही जेसीबी को पकड़ा तो माफिया अंधाधुंध फायरिंग कर जेसीबी छीन ले गए। इस दौरान एक आरोपित वनकर्मियों ने दबोच लिया जिसे छुड़ाने के लिए माफिया ने भरी दोपहरी में वन चौकी पर हथगोला फेंके और गोलीबारी कर दी। यह घटना बानमोर थाना क्षेत्र की पहाड़ी वन चौकी क्षेत्र की है जहां 20 दिन पहले भी पत्थर माफिया हमला कर तीन आरोपितों को छुड़ा ले गए थे।

माफिया ने वन टीम को चारों ओर से घेरकर फायरिंग की

बता दें कि शनिश्चरा पहाड़ी क्षेत्र में होने वाले पत्थरों के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए पहाड़ी गांव के पास वनचौकी बनाई गई है। सोमवार-मंगलवार की रात यहां तैनात वन टीम ने रात्रि गश्त के दौरान अवैध उत्खनन कर रहे माफिया पर दबिश दी तो माफिया भाग गए। इसके बाद वन टीम ने एक जेसीबी जब्त कर ली। कुछ देर बाद रात के अंधेरे में पत्थर माफिया ने वन टीम को चारों ओर से घेरकर फायरिंग शुरू कर दी।

जान बचाने के लिए वनकर्मी गड्ढ़ों की ओट में छिप गए। इसके बाद वन विभाग द्वारा जब्त की गई जेसीबी को लेकर भाग गए। इस दौरान वन टीम ने घेराबंदी कर एक बाइक सवार पत्थर माफिया को पकड़ा। रात में वनचौकी पर इसे रखना मुनासिब नहीं समझा इसीलिए आरोपित को बानमोर पुलिस के हवाले कर दिया। इस आरोपित को छुड़ाने के लिए पत्थर माफिया ने मंगलवार की सुबह 11 बजे के करीब पहाड़ी वनचौकी पर हाथ से बने गोले फेंके और फायरिंग कर दी। गनीमत यह रही कि उस दौरान कोई वनकर्मी चौकी में नहीं था, केवल एक रसोईया था जो माफिया से जान बचाकर भाग गया। उधर दोपहर के समय वन विभाग की रेंजर ने बानमोर पुलिस को सुपुर्द किए गए आरोपित को अपनी हिरासत में लिया और अवैध उत्खनन का केस बनाकर कोर्ट मंे पेश किया, जहां से आरोपित को जेल भेजा गया है। वन चौकी पर हथगोला फिंकने और फायरिंग की सूचना के बाद बानमोर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक माफिया भाग चुका था। चौकी के आसपास सुतली बिखरी मिलीं, जिससे वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तो हथगोला फिंकने की बात कह रहे हैं, लेकिन पुलिस इसे सुतली बम बता रही है।