ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों पर केंद्र गंभीर, ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए राज्यों को दिए ये निर्देश

देश में कोरोना विस्फोट हो गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार को पूरे देश में कोरोना के 1,17, 100 नए मामले सामने आए. कोरोना की पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 7.74 प्रतिशत हो गई है. देश में कोरोना के एक्टिव मामले बढ़कर 3, 71,363 हो गए हैं. इन तमाम आशंकाओं के मद्देनजर केंद्र सरकार (Centre ) ने राज्यों से कहा है कि वे हर हाल में यह सुनिश्चित करें कि इस बार अस्पतालों में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी न हो पाए. केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि यह सुनिश्चित करना राज्यों की प्राथमिक जिम्मेदारी (State responsibility) है कि स्वास्थ्य सुविधाओं (health service) में सभी ऑक्सीजन उपकरण ठीक से काम कर रहे हैं और किसी भी आपात स्थिति (Emergency) में इस्तेमाल के लिये वो तैयार रहे.

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए वेंटिलेटर, पीएसए, ऑक्सीजन संयंत्र, ऑक्सीजन सांद्रकों, ऑक्सीजन सिलेंडरों सहित विभिन्न उपकरणों से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की ताकि कोविड ​​​​-19 महामारी से समय रहते और प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.

पीएसए संयंत्रों को युद्धस्तर पर चालू करने का आग्रह

समीक्षा बैठक में सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि ऑक्सीजन उपकरण मद में आवश्यक फंड को अधिकतम इस्तेमाल करते हुए अस्पतालों में सुविधाओं को बढ़ाएं और एनएचएम-पीएमएस पोर्टल पर खर्चे की जानकारी साझा करें. केंद्र ने राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे उप-जिला स्तर तक स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए और धनराशि वितरित करें. भूषण ने राज्यों से राज्यों के फंड और सीएसआर फंड से स्थापित किए जा रहे पीएसए संयंत्रों को युद्धस्तर पर चालू करने का आग्रह किया.

तैयारी के लिए मॉक ड्रिल

केंद्र ने कहा कि पीएसए संयंत्र सही से काम कर रहा है या नहीं, इसके लिए मॉक ड्रिल किया जाए. इसके अलावा अस्पतालों में मरीजों तक ऑक्सीजन की पहुंच तय मानकों के अनुसार रहे. केंद्र ने कहा कि सभी अस्पतालों में पीएसए संयंत्रों निगरानी राज्य करें और हर हाल में वेंटिलेटर की स्थापना सभी अस्पतालों में हो जाएं.