Mehul Choksi: भगोड़े मेहुल चोकसी ने कहा- मेरी तबीयत खराब, फिर से हो सकती है किडनैपिंग

नई दिल्ली. पंजाब नेशनल बैंक स्कैम (PNB Scam) में भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) ने एक बार फिर से अपने किडनैपिंग की आशंका जाहिर की है. चोकसी को डर सता रहा है कि उसे फिर से अगवा कर गुआना ले जाया जा सकता है. मेहुल चोकसी ने दावा किया किया इससे पहले उसे अवैध तरीके से गुआना ले जाया गया था. न्यूज एजेंसी ANI के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में चोकसी ने ये बातें कही.

मेहुल चोकसी ने कहा, ‘मुझे एक बार फिर से अपहरण किया जा सकता है और गुयाना ले जाया जा सकता है, जहां अच्छी खासी भारतीयों की उपस्थिति है. मुझे गैरकानूनी और अवैध तरीके से भारत ले जाया जा सकता है.’ चोकसी ने कहा, ‘खराब सेहत की वजह से फिलहाल मैं एंटीगा में अपने घर पर हूं. मुझे इसका एहसास है कि फिर से किडनैप कर गुयाना के रास्ते भारत ले जाया जा सकता है.’ इसी साल मई में मेहुल चोकसी अचानक से एंटीगा से लापता हो गया था. कुछ समय बाद उसे डोमिनिका में पकड़ा गया था.

चोकसी ने कहा, ‘मैं अपने मानसिक स्वास्थ्य की बुरी स्थिति के लिए मदद मांग रहा हूं, क्योंकि मैं लगातार डर से सहम गया हूं, पिछले कुछ महीनों में अपने अनुभवों के सदमे से स्तब्ध हूं. मैं अपने डॉक्टरों की सिफारिशों के बावजूद अपने घर से बाहर कदम रखने में असमर्थ हूं. मैं अब हर कीमत पर लाइमलाइट से बचना चाहता हूं. मेरा खराब स्वास्थ्य मुझे कहीं जाने और कुछ भी करने की अनुमति नहीं देता है.’

मेहुल चोकसी ने आरोप लगाया, ‘मेरे वकील एंटीगा और डोमिनिका दोनों केस में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि मैं विजयी होऊंगा, क्योंकि मैं एक एंटीगा का नागरिक हूं, जिसे मेरी इच्छा के खिलाफ एक अलग देश में अपहरण करके ले जाया गया था.’

इससे पहले मेहुल चोकसी के परिवार और वकीलों ने आरोप लगाया था कि चोकसी को एंटीगा के जॉली हार्बर इलाके से भारतीय एजेंसियों के एजेंटों ने किडनैप कर लिया था और फिर 23 मई को उसे जबरन डोमिनिका ले जाया गया था

मेहुल चोकसी के वकील ने क्या कहा?

मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने बताया था कि चोकसी को मेडिकल आधार पर जमानत मिल गई थी. कोर्ट ने मेहुल चोकसी को जमानत के तौर पर 10 हजार कैरिबियाई डॉलर यानी करीब 2 लाख 75 हजार रुपये जमा करने का आदेश दिया था.

बैरिस्टर माइकल पोलक ने बताया था कि मेहुल चोकसी कुछ हफ्तों से बहुत कठिन दौर से गुजर रहा था. कोर्ट की तरफ से मेडिकल आधार पर राहत मिलना जरूरी था. जिससे वो अपना इलाज करा सकते हैं और अपने परिवार की मदद कर सकते हैं.