दिसंबर में समाप्त होगा सीपीए, सरकार ने बजट रोका, इंजीनियर-कर्मचारी, पार्क, सड़कें, पुल और बिल्डिंग का खाका तैयार

भोपाल. करीब 61 साल पुराने विभाग सीपीए (राजधानी परियोजना प्रशासन) को संभवतः इसी साल दिसंबर में समाप्त कर दिया जाएगा। सरकार ने इसका बजट भी रोक दिया है। वहीं इंजीनियर-कर्मचारियों, पार्क, दड़कें, पुलिस और बिल्डिंग को लेकर खाका तैयार हो चुका है। कैबिनेट की मीटिंग में प्रस्ताव पास होते ही सीपीए इतिहास बन जाएगा। सीपीए को समाप्त करने की प्रोसेस अंतिम दौर में पहुंच गई है। अक्टूबर में प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी नीरज मंडलोई, नगरीय आवास एवं विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह सहित अन्य अफसरें की मौजूदगी में मीटिंग हुई थी और विस्तृत प्रस्ताव बनाकर कैबिनेट में रखे जाने का निर्णय हुआ था। इसके बाद फाइलें तेजी से चलीं और अब अंतिम स्टेज पर पहुंच गई है। इसके चलते सीपीए का बजट भी रोक दिया गया है। पुरानी देनदारियों के संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है।

अफसर अब ऑफिस से भी गायब होने लगे

सीपीए के अफसर अब ऑफिस से भी गायब होने लगे हैं। कई ने तो नए विभागों में जुगाड़ भी शुरू कर दी है। वे मनपसंद पोस्ट पर वापस जाना चाहते हैं। अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी डेपुटेशन पर सीपीए में जमे हैं।

इंजीनियर-कर्मचारी पीडब्ल्यूडी और नगर निगम में मर्ज किए जाएंगे

सीपीए खत्म होने के बाद इंजीनियर-कर्मचारी पीडब्ल्यूडी और नगर निगम में मर्ज किए जाएंगे। वहीं, पार्क निगम को दिए जाएंगे। सड़कें, पुल-पुलियाओं व बिल्डिंग का काम पीडब्ल्यूडी को सौंपा जाएगा। (भोपाल विकास प्राधिकरण) से आए इंजीनियरों को वापस भेजा जाएगा। शौर्य स्मारक को पर्यटन विभाग को दिया जाएगा।

अभी सीपीए में इतना स्टाफ

एक अधीक्षण यंत्री, चार एग्ज्युक्टिव इंजीनियर, 20 एसडीओ, 50 सब इंजीनियर व 250 कर्मचारियों समेत 325 लोगों का स्टाफ है, जो अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर यहां आए हैं। इसके अलावा अस्थायी कर्मचारी भी हैं, जो पार्क समेत अन्य जगह लगाए गए हैं। सीपीए की 500 करोड़ की देनदारी है, जबकि बजट महज 300 करोड़ रुपए है। दो साल से कामों के भुगतान नहीं हुए हैं।