नवोदय स्कूल में छात्रा की संदिग्ध मौतः इलाहाबाद HC की तल्‍ख टिप्पणी, कहा- साक्ष्य नष्ट होने दिए!

प्रयागराज. जवाहर नवोदय विद्यालय मैनपुरी (Jawahar Navodaya Vidyalaya Mainpuri) में छात्रा की मौत मामले (student death case) में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने राज्य सरकार की ओर से पेश की गई आधी अधूरी डीएनए रिपोर्ट पर नाराजगी जताते हुए उसे अस्वीकार कर दिया है. कोर्ट ने सरकार से मामले की पूरी रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इसके साथ ही पुलिस को अक्षम बताते हुए तल्ख टिप्पणी भी की. महेंद्र प्रताप सिंह की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर कोर्ट ने सरकार को निर्देश जारी किए हैं.

हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने कहा छात्रा ने आत्महत्या की है, जिसकी पारिवारिक वजह हो सकती है. अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि अभी तक हत्या के साक्ष्य नहीं मिले हैं. दलील सुनने के बाद कोर्ट ने सरकार की ओर से पेश की गई अधूरी रिपोर्ट को लेने से साफ इंकार किया है. सरकार के अधिवक्ता का कहना था कि अब तक की गई जांच में अपराधी का पता नहीं चला है. सरकार ने बताया 277 संदिग्धों की डीएनए जांच हुई, जिसमें अपराधी का पता नहीं चल सका है. डीएनए रिपोर्ट को दोबारा चेक किया जा रहा है. कोर्ट ने 2020 में मृत छात्रा की मां की तरफ से सीबीआई जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका की जानकारी अदालत को नहीं देने पर नाराजगी जाहिर की. इस पर दोनों याचिकाओं को सुनवाई के लिए दो दिसंबर को पेश करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि साक्ष्य नष्ट होने दिया गया. क्या कहें, पूरी पुलिस फोर्स ही अक्षम है.

कोर्ट ने पूरी रिपोर्ट पेश करने का दिया निर्देश

चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने छात्रा की मौत के मामले में पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश जारी किया है. मृत छात्रा की मां की ओर से दाखिल याचिका की जानकारी न देने पर कोर्ट ने नाराजगी भी जता दी. कोर्ट ने कहा कि साक्ष्य को नष्ट होने दिया गया. क्या कहें पूरी पुलिस फोर्स ही अक्षम है. इस मामले में सीबीआई जांच की मांग के लिए पीड़ित मां ने याचिका दाखिल की है. कोर्ट ने दोनों याचिकाओं को सुनवाई के लिए एक साथ पेश करने का निर्देश दिया है. 2 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी.