महंगे ईंधन को लेकर भाजपा के चुनावी नारों पर शिवसेना बोली- आज कोई नहीं बोल रहा 'पेट्रोल सस्ता चाहिए कि नहीं?'

मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में सत्ताधारी गठबंधन के दल शिवसेना (Shivsena) ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर मुखपत्र सामना (Saamna) के जरिए केंद्र की मोदी सरकार पर जुबानी हमला बोला है. सामना के सांपदकीय में लिखा गया है- पेट्रोल-डीजल की दरों में आए दिन होने वाली वृद्धि और उससे लगी महंगाई की आग ने आम जनता का जीना दूभर कर दिया है. देखते-ही-देखते पेट्रोल-डीजल की दरों ने सौ का आंकड़ा पार कर दिया और ईंधन में लगातार होनेवाली दर वृद्धि के कारण माल ढुलाई खर्च के सहज ही बढ़ने से सभी क्षेत्रों में महंगाई अपने हाथ-पांव पसार रही है. बीते तीन सप्ताह में तो लगभग सोलह बार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ी हैं. लगातार होने वाली दर वृद्धि के कारण देश की जनता परेशान हो गई है.

संपादकीय में लिखा गया है- ‘एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) मतलब हवाई सफर के लिए लगने वाले हवाई ईंधन की दरों को पछाड़ते हुए बाइक और कार के ईंधनों की दर ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है. हवाई परिवहन के ईंधन की दर एक लीटर के लिए 79 रुपए है और सड़क परिवहन के वाहनों के ईंधन की दर 105 से 115 से अधिक हो गई है. दुपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए लगनेवाले पेट्रोल-डीजल की दर हवाई ईंधन से थोड़ी-बहुत नहीं, बल्कि 30 फीसदी महंगी हो गई है. मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई आदि महानगरों में और पूरे देश के कोने-कोने में थोड़े-बहुत अंतर के साथ पेट्रोल-डीजल की कीमतें एक जैसी ही हैं.’

शोर मचाने वाले आज सत्ता में- शिवसेना

सामना में भाजपा पर जुबानी हमला करते हुए लिखा गया है- ‘कांग्रेस के शासन में पेट्रोल-डीजल की दर वृद्धि को लेकर देशभर में आंदोलन करके गला फाड़ने और शोर मचाने वाले लोग आज सत्ता में हैं. लेकिन उनके होंठ आज सिल गए हैं. गली से दिल्ली तक पेट्रोल दर वृद्धि के खिलाफ रणक्रंदन करने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की टोली आज मुंह पर ताला लगाए चुप बैठी है. पेट्रोल-डीजल की दर वृद्धि के खिलाफ कोई भी एक शब्द बोलने को तैयार नहीं है.’

हमने ही बुलाई यह मार- शिवसेना

भाजपा के चुनावी नारों का संदर्भ देते हुए शिवसेना में लिखा गया है- ‘पेट्रोल-डीजल सस्ता चाहिए कि नहीं चाहिए? ऐसा सवाल चुनाव के प्रचार सभा में उठाने वाली भाजपा ने दिल्ली की सत्ता हासिल की, उस समय देश में पेट्रोल की कीमत 72 रुपए तो डीजल 54 रुपए प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा था. आज पेट्रोल-डीजल सौ के पार पहुंच गया है.’

सामना में महंगाई के मुद्दे पर लिखा गया है – ‘ईंधन की यह ‘हवा-हवाई’ दर वृद्धि आम जनता की कमर तोड़ रही है. ‘बहुत हो गई महंगाई की मार…’ ऐसी घोषणा करके सत्ता में आई सरकार द्वारा किया गया यह चमत्कार है. हमारे ही द्वारा बुलाई गई इस ‘मार’ को चुप रहकर सहने के अलावा जनता के हाथ में और क्या बचा है?’