भागवत कथा के अंतिम दिन पंडित आशीष कृष्ण शास्त्री महाराज के भजन प्रस्तुतियों पर झूमे श्रद्धालु

ग्वालियर. इस संसार में जिसने भी जन्म लिया है उसे एक दिन जाना होगा यही विधि का विधान है और शास्वत सत्य भी है। श्रीमद् भागवत कथा पुराण में राजा परीक्षित मोक्ष वृतांत के सातवें दिवस की कथा पर सिटी सेंटर स्थित डॉ. सुनील शर्मा के निवास में कथा वाचन करते हुए श्रद्वेय पंडित आशीष कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने यह वचन कहे।

श्रद्वेय पंडित आशीष कृष्ण शास्त्री महाराज ने आगे कहा कि राजा परीक्षित को लगा श्राप किसी एक व्यक्ति को नहीं लगा है यह तो समस्त मानव जाति को है क्योंकि परीक्षित को जो श्राप लगा था उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था आज सातवें दिन तक्षक नामक नाग के काट जाने से मृत्यु होगी यानि 7 दिन में मृत्यु होना निश्चित है और प्रत्येक मनुष्य की मृत्यु भी 7 दिनों में ही होती है। यह श्राप समस्त मानव जाति को है।

श्रीमद् भागवत कथा पुराण के श्रवण से मनुष्य अपने जन्म जन्मान्तरों के पाप नष्ट करता है और भगवान की विभिन्न लीलाओं का वर्णन एकाग्र भाव से सुनकर मन को स्थिर करते हुए अगर इस कथा को ध्यान से सुनता है तो निश्चित रूप से उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। आशीष कृष्ण शास्त्री महाराज ने कहा कि भागवत पुराण एक वैतरणी नदी के समान है जिसमें डूबा मनुष्य भव सागर की नैया को पार कर सकता है। इस अवसर पर आशीष कृष्ण शास्त्री महाराज ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। इस दौरान महिला व पुरूष भजन-कीर्तन पर नाचते-झुमते दिखे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम में भाग लिया।