बच्चों को पर्यावरण-संरक्षण और पौध-रोपण के लिए प्रेरित करना आवश्यक : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बच्चों को पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों और पौध-रोपण के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। बाल साहित्य इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज स्मार्ट उद्यान में बाल-कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केंद्र के श्री महेश सक्सेना, श्री अनिल अग्रवाल तथा श्रीमती सुधा दुबे के साथ पौध-रोपण कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज मौलश्री और सप्तपर्णी का पौधा लगाया।

उल्लेखनीय है कि साहित्यकार श्री महेश सक्सेना ने वर्ष 2007 में भोपाल में जवाहर चौक स्थित निवास पर बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केंद्र स्थापित किया था। इसमें एक बड़ी लाइब्रेरी स्थापित की गई। श्री सक्सेना द्वारा बाल साहित्य सहित 22 पुस्तकें प्रकाशित की गई। संस्था बाल साहित्य के संवर्धन-शोध कार्य सहित नई प्रतिभाओं को बाल साहित्य लेखन में सहयोग करने और बस्तियों में जाकर बच्चों में प्रतिभाएँ तलाशने का कार्य करती है। श्री अनिल अग्रवाल की तीन और श्रीमती सुधा दुबे की एक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है।

पौधों का महत्व

मौलश्री को संस्कृत में केसव, हिन्दी में मोलसरी या बकूल भी कहा जाता है। यह औषधीय महत्व का वृक्ष है, जिसका सदियों से आयुर्वेद में उपयोग होता आ रहा है। सप्तपर्णी का पौधा सदाबहार औषधीय वृक्ष है, जिसका आयुर्वेद में बहुत महत्व है। इस पौधे का उपयोग विभिन्न औषधियों के निर्माण में किया जाता है।