इंदौर में लॉकडाउन के विरोध में कैलाश विजयवर्गीय, कलेक्टर के आदेश पर व्यापारी भी लामबंद

बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय कलेक्टर के उस आदेश के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं, जिसमें उन्होंने शहर में 10 दिन का लॉकडाउन लगा दिया है. विजयवर्गीय ने इसे अलोकतांत्रिक फैसला बताया है. उन्होंने इसके खिलाफ ट्वीट कर नाराजगी जताई. कलेक्टर के इस आदेश के खिलाफ व्यापारी भी लामबंद हो गए हैं.

शहर में लगे सख्त लॉकडाउन के खिलाफ बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा कि इंदौर जैसे शहर के लिए यह निर्णय अलोकतांत्रिक और तानाशाही भरा है. इस पर पुनर्विचार होना चाहिए. जिस निर्णय की सर्वत्र निंदा हो रही हो, उस पर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर विचार करना चाहिए. कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान के बाद यह साफ हो गया है कि इंदौर को प्रयोगशाला समझने वाले अफसरों और नौकरशाहों का रवैया किसी को भी रास नहीं आ रहा है.

मल्हारगंज व्यापारी एसोसिएशन ने भी जताया विरोध

मल्हारगंज व्यापारी एसोसिएशन ने भी कलेक्टर के आदेश का विरोध किया है. व्यापारियों का कहना है कि बड़ी-बड़ी एजेंसीज और मॉल को छूट मिली है. किराना व्यापारी घर बैठो का फार्मूला तय किया गया है. उन्होंने कहा- सांसद, सभी विधायक, क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी और सभी जन प्रतिनिधियों से निवेदन है कि कल जो प्रसाशन ने आदेश दिया है, क्या वह सही है. आप स्वयं इसकी विवेचना करें. आपने बड़ी बड़ी कम्पनियों, मॉल को होम डिलीवरी की छूट दे दी है. आप स्वयं विचार करें कि एक गरीब आदमी जिसे पाव आधा किलो या एक किलो राशन की रोज जरूरत है वह क्या इन मॉल वालों से माल मंगवा सकता है. अगर होम डिलीवरी की छूट देनी थी तो वह किराना व्यापारियों को देनी थी.

जैसे-तैसे घर चलाता है व्यापारी- एसोसिएशन

मल्हारगंज व्यापारी एसोसिएशन ने कहा - एक किराना का व्यापारी हमेशा गरीब तबके को माल देता है, उधार भी देता है और कम्पीटिशन के इस युग मे नॉमिनल प्रॉफिट पर व्यापार करके स्वयं का घर चलाता है. बैंक की किश्त भी भरता है, दुकान का किराया भी देता है, बिजली का बिल भी भरता है. ऐसे कई खर्चे उसके साथ 24 घण्टे लगे हुए हैं. साथ ही दुकान पर कार्य करने वाले कर्मचारी का घर चलाने में सहायक बनता है. आपने कल एक दम आदेश पारित कर दिया कि सब बंद.

कहां जाएंगे किसान, क्या होगा उनका-

व्यापारी एसोसिएशन ने कलेक्टर से पूछा है- क्या आपने विचार किया कि वे किसान, जिन्होंने कल ही सब्जी तोड़कर आज सुबह मंडी में लाने के लिए रख दी थी, उनका क्या होगा. लाखों रुपए की सब्जी का किसान अब क्या करेगा, सब सड़ जाएगी. व्यापारी भाइयों ने सदैव सरकार का साथ दिया है लेकिन हमेशा उनके साथ ही अन्याय क्यों होता है. आज कुछ सामाजिक संस्थाए जरूरतमंद लोगों को राशन निशुल्क वितरित कर रही हैं. वे सभी इन किराना व्यापारियों से माल खरीदकर ही देती हैं. जब इन संस्थाओं को राशन नही मिलेगा तो ये राशन देना बंद कर देंगी. ऐसे में इन जरूरतमन्द लोगों का क्या होगा, इसकी कल्पना करके देखिए. आपसे हाथ जोड़कर निवेदन है कि प्रसाशन के इस निर्णय पर पुनः विचार करें. हम व्यापारियों के साथ, सभी कर्मचारियों, मजदूर, हम्मालों, का पेट लगा हुआ है. साथ ही लोगों के घरों में राशन नहीं है, वे क्या करेंगे. पहले कोरोना ने मारा अब भूख मार देगी. कृपया इस पर पुनः विचार करें.

ये है कलेक्टर का आदेश

इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने शहर में 10 दिन का सख्त लॉकडाउन लगा दिया. इसके मुताबिक, शहर की किराना, ग्रोसरी की दुकानों और फल-सब्जी की बिक्री पर 28 मई तक पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. इंदौर जिले की सभी थोक और फुटकर निजी किराना दुकानें 28 मई तक बंद रहेंगी. चोइथराम और निरंजनपुर फल व सब्जी मंडियों के अलावा जिले के सभी हाट-बाजार तत्काल प्रभाव से बंद रहेंगे. केवल बिग बास्केट, ऑनडोर, बिग बाजार, डीमार्ट जैसी एजेंसियां पहले की तरह केवल किराना और ग्रोसरी आयटम की होम डिलीवरी करती रहेंगी.

होम डिलिवरी लोडिंग वाहनों से दो कर्मचारियों के साथ की जा सकेगी. साथ ही कर्मचारियों के पास पहचान-पत्र होना अनिवार्य है. होम डिलिवरी सुबह 6 से शाम 5 बजे तक ही हो सकेगी. दूध का घर-घर वितरण सुबह 9 बजे तक और शाम 5 से 7 बजे तक किया जा सकेगा. अगर दूध डेयरी से दूध का बांटा जाता है तो दुकान के शटर आधे बंद रहेंगे. साथ ही दूध दुकान के बाहर रखकर शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए या गोले बनाकर ही दूध बांटा जा सकेगा. सुबह 9 बजे के बाद दूध वितरण पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी. राजस्व अमले और ग्राम पंचायत के जरिए ग्रामीण क्षेत्र में किराना दुकानें बंद कराने की जिम्मेदारी एसडीएम की रहेगी. इसी तरह सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में भी यह दुकानें शत-प्रतिशत बंद रहेंगी.