बोरवेल में गिरा 4 साल का मासूम हारा जिंदगी की जंग, 16 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में 16 घंटों से बोरवेल फंसा 4 साल का मासूम गौरव जिंदगी की जंग हार गया. शुक्रवार सुबह 4 बजे NDRF की टीम ने जैसे ही मासूम को बोरवेल से बाहर निकाला तो उसमें जान नही थी. इस घटना से न सिर्फ इलाके में शोक की लहर फैल गई बल्कि रेस्क्यू टीम और अफसरों को भी गहरा आघात लगा है. बच्चे के परिजन सदमे में हैं.

गौरतलब है कि उमरिया जिले के बड़छड़ गांव में गुरुवार को मासूम गौरव खेलते हुए खेत तक पहुंच गया था. यहां अचानक वह खुले पड़े बोरवेल में गिर गया. सूचना मिलते ही प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन किया और सबसे पहले बच्चे के लिए बोर में ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई. इसके बाद 3-4 जेसीबी मशीनों के जरिये बोर के समानांतर खुदाई का काम शुरू किया गया. ये खुदाई 16-17 घंटे तक लगातार चली.

10 घंटे पहले हो चुकी थी मौत- डॉक्टर

जानकारी के मुताबिक, मासूम गौरव के रेस्क्यू के लिए स्थानीय टीम के साथ के साथ-साथ जबलपुर से SDERF और वाराणसी से NDRF की टीम बुलाई गई. लेकिन सारी कवायद के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका. डॉक्टरों ने बताया कि मासूम की मौत 8 से 10 घन्टे पहले ही हो चुकी थी, लेकिन रेस्क्यू टीम ने आस नहीं छोड़ी थी. बच्चे को बोरवेल से निकालने के बाद तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र बरही भेजा गया. यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों की मानें तो पानी मे डूबने और सांस रुकने की वजह से उसकी मौत हो गई.

पिछले साल छतरपुर में भी हुई थी घटना

गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में भी मध्य प्रदेश के छत्तरपुर में डेढ़ साल की नन्हीं बच्ची दिव्यांशी कुशवाह 15 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी. बच्ची को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन करीब 10 घंटे चलाया गया. प्रशासन ने उसे सुरक्षित निकाल लिया था. यह घटना छत्तरपुर के दौनी गांव में हुई थी. मासूम को निकालने के लिए सेना और प्रशासन ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था. बच्ची को बोरवेल से निकालने के बाद पास के अस्पताल नौगांव भेजा गया था.