आत्महत्या-बहू मकान अपने नाम कराना चाहती थी इसलिये मुझे चोर कहा, मेरी सामाजिक हत्या की अब जीना नहीं चाहता हूं

ग्वालियर. कृषि विभाग से 2 वर्ष पूर्व रिटायर्ड हुए एसडीओ ने अपनी ही बंदूक से स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। घटना मंगलवार की सुबह विनयनगर के सेक्टर नम्बर 4 के नजदीक रतीराम गार्डन के पास की है। घटना की खबर मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें सेवानिवृत्त एसडीओ ने अपना दर्द लिखा है। वह लिख रहे है कि मकान के लिये बहू ने मुझे चोर कहा है कि उसके पिता भाईयों ने मुझे पीटा और झूठे मामले दर्ज कराये हैं। मेरी सामाजिक हत्या की हैं। अब जीना नहीं चाहता हूं, पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर जांच शुरू कर दी हैं।

क्या है पूरा मामला

बहोड़ापुर विनय नगर सेक्टर.4 रतिराम गार्डन के पास निवासी 62 वर्षीय राजेन्द्र सिंह राजपूत कृषि विभाग से रिटायर्ड एसडीओ थे। वह 9 सितंबर 2018 में बिलासपुर छत्तीसगढ़ से रिटायर्ड हुए थे। परिवार में पत्नी के अलावा 2 बेटे हैं। बड़ा बेटा प्रोफेसर है और अभी शिवपुरी में पदस्थ है। छोटा बेटा शहर में ही किसी शासकीय विभाग में पदस्थ है। बड़े बेटे की बहू प्रीतिसिंह का मायका शिवपुरी में है। बहू से रिटायर्ड एसडीओ की बिल्कुल भी नहीं पटती थी। बहू और उसके मायके पक्ष के लोग काफी समय से विनयनगर स्थित प्रॉपर्टी को बहू के नाम करने के लिए कह रहे थे। इसी से रिटायर्ड एसडीओ राजेन्द्र सिंह परेशान थे। मंगलवार सुबह वह नींद से जागे। पत्नी के हाथ की चाय पी। पत्नी अन्य काम में लग गई और रिटायर्ड एसडीओ ने अलमारी से अपनी 12 बोर की दोनाली बंदूक निकाली और ठोढ़ी पर अड़ाकर ट्रिगर दबा दिया। गोली उनके जबड़े को उड़ाते ही दीवार में लगी। गोली की आवाज सुनकर पत्नी व आसपास के लोग वहां पहुंचेए लेकिन मौके पर ही रिटायर्ड एसडीओ की मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना मिलते ही बहोड़ापुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। साथ ही फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉण् अखिलेश भार्गव मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बारीकी से पूरे घटना स्थल की जांच की है। 2 नाल में एक जिंदा कारतूस व एक चला हुआ खोका मिला है।

एसडीओ अपनी बहू से परेशान थे

घटनास्थल से पुलिस को मिला सुसाइड नोट जिसमें सेवानिवृत्त एसडीओ नेअपना पूरा दर्द बयां किया हैं। उसमें बताया गया है कि 30 सितम्बर 2018 को सेवानिवृत्त होने के बाद अभी तक एक दिन भी बहू ने कभी खाना परोसकर नहीं दिया। हमेशा बेइज्जत किया। मुझ पर चोरी का आरोप लगाया और दोगला कहा। हद तब हो गयी जब कल्लन सरपंच की बहू को मेरे सामने बेइज्जत किया। झूठे आरोप लगाते हुए फोटो सोशल मीडिया पर डाले। 3 जुलाई 2020 को बहू प्रीती और उसके पिता परिमाल सिंह, भाई प्रमोद उर्फ चिंटू और मनीष सिंह ने मेरे घर पर हमला बोल दिया। मुझसे मारपीट की। बहू ने शिवपुरी औरे ग्वालियर झूठे मामले दर्ज कराये। जिससे मेरी सामाजिक हत्या हुई है। इनके कारण अब जीना नहीं चाहता हूं।