हटा में मीथेन गैस का कूप गैस का व्यवसायिक उपयोग करने के लिए इंडियन ऑयल ने मांगी अनुमति

हटा ब्लाॅक में मीथेन गैस का कुआं मिलने के बाद ओएनजीसी अब बड़े स्तर पर छतरपुर, पन्ना और दमोह में गैस की तलाश में जुट गई है। इसके लिए ओएनजीसी की सहयोगी अल्फा जेआईओ इंडिया लिमिटेड कंपनी (एजीआईएल) ने खनिज विभाग दमोह में सूचना देकर 2 हजार 730.73.किमी में 3 डी सिस्मिक सर्वे का काम शुरू किया है।

जबकि इससे पहले ओएनजीसी की निशानदेही पर तेल व गैस कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) खनिज विभाग से 1500 वर्ग फीट जमीन लीज पर मांग चुकी है। ताकि वे हटा के पास कूप से मिली गैस निकालकर उसका व्यवसायिक उपयोग कर सकें।

यहां पर बता दें कि इससे पहले भी ओएनजीसी की सूचना पर भारत सरकार ने आईओसीएल को गैस निकासी के लिए अधिकृत किया था, लेकिन लॉकडाउन के चलते ऐसा नहीं हो पाया, अब फिर से कंपनी ने आवेदन किया है। अधिकारियों ने यह आवेदन 27 जनवरी 21 को प्रस्तुत किया है। हालांकि अभी अनुमति देने की प्रक्रिया चल रही है। पहले खनिज विभाग मौके का मुआयना कराएगा, उसके बाद लीज देगी।

यहां पर बता दें कि हटा में सफलता मिलने के बाद बुंदेलखंड के दमोह, छतरपुर और पन्ना जिले के आसपास ओएनजीसी को नैचुरल गैस मीथेन मिलने की उम्मीद जागी है। सफलता मिलने के बाद ओएनजीसी के 40 अधिकारी और सहयोगी कंपनी के 250 से सदस्य उपकरणों के माध्यम से तीनों जिलों में 3डी सिस्मिक सर्वे करने में जुटे हैं।

हालांकि मध्यप्रदेश सरकार ने ऐसा करने के लिए पहले ही अनुमति दे दी है, लेकिन जिला स्तर पर पन्ना, छतरपुर और दमोह में कलेक्टर के समक्ष अनुमति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया है। ताकि कंपनी काम करने के लिए कैंप लगा सके।

ओएनजीसी छतरपुर, पन्ना और दमोह के 2730.73 किमी एरिया में करेगी 3डी सिस्मिक सर्वे

प्रभारी जिला खनिज अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि ओएनजीसी के सर्वे के बाद दो अलग-अलग कंपनियों ने आवेदन दिए हैं। जिसमें एक आवेदन इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) का है। कंपनी के अधिकारियों ने हटा ब्लाक में जिस जगह पर गैस का कूप मिला है। वहां पर करीब 15 सौ वर्गफीट की जगह लीज पर मांगी है।

ताकि वहां से मीथेन गैस की निकासी कर सकें। आवेदन मिलने के बाद एरिया की रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। बाद में उसका प्रकरण तैयार करके कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। ओएनजीसी के वैज्ञानिक डाॅ. एनपी सिंह ने बताया कि ओएनजीसी की रिपोर्ट के बाद सरकार से इंडिया ऑयल कार्पोरेशन को मीथेन गैस का उपयोग करने के लिए कहा गया था, लेकिन बीच में कोरोना के चलते काम धीमा हो गया था। अब फिर से कंपनी गैस निकालने के लिए तैयारी कर रही है। इसलिए अनुमति मांगी होगी।

ओएनजीसी के साथ सर्वे का काम चालू

पटेल ने बताया कि ओएनजीसी के साथ अल्फा जेआईओ इंडिया लिमिटेड कंपनी (एजीआईएल) ने 3डी सिस्मिक सर्वे करने के लिए सूचना देकर कलेक्टर के माध्यम से अनुमति मांगी है। यह कंपनी एक साथ बड़े स्तर पर उपकरणों के माध्यम से तेल गैस की मात्रा की खोजने में लगेगी।

उन्हें शासन से अनुमति मिल गई है, लेकिन जिला मुख्यालय से अनुमति लेने के लिए उन्होंने आवेदन प्रस्तुत किया है। जिसमें दमोह, पन्ना और छतरपुर के एरिया में सर्वे का काम होगा। इसी तरह ओएनजीसी के उप प्रबंधक रंजीत कुमार ने नोहटा के पास 1150 वर्गफीट की लीज मांगी है और इसके लिए दो करोड़ 17 लाख रुपए की राशि जमा की गई है। इसकी अनुमति जारी करने पर भी खनिज विभाग काम कर रहा है।

आधुनिक मशीन से होगा सर्वे, ताकि भंडारण का लगाया जा सके अनुमान

बताते हैं कि 3डी सिस्मिक सर्वे (भूकंपीय सर्वेक्षण) फ्रांस से आयातित अत्याधुनिक वाइब्रोसिस मशीन से होता है। इस मशीन से एक स्थान में ठोकर मारने के बाद उससे होने वाले कंपन से 500 मीटर के क्षेत्रफल (वृत्त) में गैस के भंडारण का पता लगाया जा सकता है।

जबकि पहले जमीन में छिद्र करके (ड्रिल पद्धति) से गैस का पता लगाया जाता था, लेकिन अब इस पद्वति से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग करके गैस के भंडारण का अनुमान लगाया जा सकता है। इस नई तकनीक से धन और समय दोनों की बचत होगी। इसलिए 3 डी सिस्मिक सर्वेक्षण करने की अनुमति ली गई है।