साल के पहले दिन ही गड़बड़ाई सफाई व्यवस्था, सड़कों पर फेंकना पड़ा कचरा

शुक्रवार काे नए साल का पहला दिन ही लाेगाें के लिए परेशानी भरा साबित हुआ। डोर-टू-डोर कचरा लेने वालीं गाड़ियां नहीं चलने के कारण लाेगाें काे घराें का कचरा सड़काें पर या आसपास के खाली प्लाॅट में फेंकना पड़ा। दरअसल, वेतन नहीं मिलने से नाराज ईको ग्रीन कंपनी से आउटसोर्स पर आए कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी।

इन कर्मचारियों ने न गाड़ियां चलाईं और न कचरा एकत्रित किया। सभी कर्मचारी शनिवार सुबह 6 बजे महाराज बाड़े पर एकत्रित होकर विरोध करेंगे। यह संदेश शुक्रवार को सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे को भेजा गया।

ईको ग्रीन कंपनी की तर्ज पर नगर निगम के अधिकारी भी सफाई व्यवस्था पर काम कर रहे हैं। वे दो पालियों में 400 कर्मचारियों से रोज काम ले रहे हैं, लेकिन जब वेतन देने की बात आती है तो एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल दी जाती है। ऐसे में ईको ग्रीन कंपनी के कर्मचारियों को बार-बार हड़ताल करना पड़ रही है। कचरा सेंटरों पर लगे सुरक्षा गार्डों को भी वेतन नहीं मिला है। वे अपने परिवार का इलाज तक नहीं करा पा रहे हैं।

नगर निगम के अफसर दो पालियों में 400 कर्मचारियों से राेज ले रहे हैं काम

हड़ताल के बाद चली वेतन की फाइल

पिछली हड़ताल के दौरान निगम आयुक्त संदीप माकिन ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि 24 घंटे में वेतन दे दिया जाएगा, लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी वेतन बैंक खातों में नहीं पहुंचा। कर्मचारियों ने शुक्रवार को हड़ताल कर दी। हड़ताल के बाद वेतन की फाइल वित्त शाखा में दाैड़ पड़ी। 27 लाख रुपए के भुगतान की फाइल शाम 5 बजे अपर आयुक्त वित्त देवेंद्र पालिया आयुक्त के पास हस्ताक्षर के लिए भेजी, लेकिन तब तक बैंक बंद हो चुके थे।

शहर के 21 वार्डों में 100 फीसदी कचरा कलेक्शन हाेने के बाद बिगड़े हालात

स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 की तैयारियों को ध्यान में रखने की वजह से 21 वार्डों में शत प्रतिशत कचरा उठने लगा था। अब हड़ताल होने से फिर वैसे ही हालात बन गए हैं। शहर में शुक्रवार को सड़कों पर 200 टन कचरा विभिन्न स्थलों पर पड़ा रहा। यदि दो जनवरी को हड़ताल रहती है तो हालात और बिगड़ सकते हैं।