2 साल में 20 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी, देशभर में शुरू किए 32 आउटलेट

एमबीए करने इंदौर गए शाजापुर के दो युवाओं ने पढ़ाई छोड़ कुल्हड़ कैफे शुरू किया और 2 साल में ही 32 आउटलेट खोल 20 करोड़ की कंपनी खड़ी करने का कमाल कर दिखाया है। दोस्तों की मदद से पहला कैफे हाउस शुरू करने वाले इन युवाओं का नया कांसेप्ट लोगों को इतना पंसद आया कि शाजापुर के दोनों युवा देशभर में चाय के महारथी बन गए।

यह काम करने वाले जिले के ग्राम अभयपुर निवासी अजय पाटीदार और धाराखेड़ी निवासी शुभम पाटीदार है। मूलत: किसान परिवार से जुड़े 27 वर्षीय अजय ने शाजापुर से स्नातक करने के बाद एमबीए के लिए इंदौर में दाखिला लिया। इस दौरान 25 वर्षीय शुभम भी एमबीए करने इंदौर पहुंच गए। दोनों ने कुल्हड़ कांसेप्ट पर कैफे शुरू करने का निर्णय लिया। पूंजी नहीं होने के कारण शुभम ने अपनी एमबीए की फीस तो अजय ने दोस्तों से मदद ली। दोनों ने 5-6 लाख रुपए जुटाकर कैफे शुरू कर दिया। शुरुआत के 6 महीने तक काफी संघर्ष करना पड़ा।

इस दौरान उन्हें मकान किराया चुकाने के लिए भी दोस्तों से ही मदद लेना पड़ी, लेकिन अलग अलग फ्लेवर में चाय, काफी बनाते हुए शाजापुर के दोनों युवाओं ने इंदौर के लोगों को दिल जीत लिया। युवाओं के कैफे का स्वाद इंदौरवासियों की जुबान पर ऐसा चढ़ा कि उनसे अन्य लोग जुड़े और देखते ही देखते इंदौर में ही अलग अलग इलाकों में टी-लॉजी कैफे एंड फूड चेन कंपनी के माध्यम से अजय व शुभम ने 12 आउटलेट खोल दिए। दो साल में ही इंदौर के साथ देवास, ग्वालियर, आगरा, अहमदाबाद, गांधीनगर, वडोदरा, देहरादून में मिलाकर कंपनी के 32 आउटलेट शुरू हो गए। कंपनी का कारोबार अब 20 करोड़ तक पहुंच गया।

टर्निंग पाइंट : गांव में कुल्हड़ में चाय पी और लिया निर्णय

अजय ने बताया एक बार यात्रा के दौरान एक गांव में कुल्हड़ में चाय पी थी। इसका स्वाद भुलाए नहीं भूलता। वहीं दूसरी तरफ इंदौर में ठेले पर लोगों को चाय पीते देख हमें यह आइडिया आया। जिले के गांवों से ही कुम्हारों से कुल्हड़ बनाकर उन्होंने घर पर ही अलग-अलग फ्लेवर की चाय बनाकर उन कुल्हड़ में चाय पी तो उसका टेस्ट बहुत ही उम्दा लगा, तब हमें निर्णय लिया कि क्यों न शहरों में भी चाय को कुल्हड़ में सर्व करके एक ऐसे कॉन्सेप्ट को शुरू किया जाए, जहां पर लोगों को पॉकेट फ्रेंडली, हाइजीनिक चाय इको फ्रेंडली तरीके से सर्व की जा सके। शुभम ने बताया यही निर्णय हमारी जिंदगी में लाइफ का टर्निंग पाइंट रहा।

विदेशी धरती पर पहुंचेगा भारत की माटी का स्वाद

सिर्फ 2 वर्षों में 32 आउटलेट शुरू करने वाले अजय और शुभम ने अब मार्च 2021 तक देश के अलग अलग कोने में 50 नए आउटलेट शुरू कराने का प्लान बनाया है। साथ ही हमारे देश की मिट्टी का स्वाद विदेशों में भी ले जाने के लिए दुबई और ऑस्ट्रेलिया में भी टी-लॉजी के आउटलेट शुरू करने की तैयारी हो गई है।

हर आउटलेट सैनिकों के लिए फ्री, ग्राहकों को भेंटकर रहे पौधे

अजय ने बताया कि टी-लॉजी फाउंडेशन के माध्यम से संचालित सभी आउटलेट सैनिकों के लिए फ्री है। देश की सेवा करने वाले सैनिकों के लिए आउटलेट पर मुफ्त में ही सामग्री उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यूज्ड कुल्हड़ में प्लांट लगाकर हम हमारे कस्टमर्स में डिस्ट्रीब्यूट कराते हैं।

रोजगार दिया, 400 से ज्यादा लोगों को काम से जाेड़ा

प्रत्येक आउटलेट के लिए 10-10 नए लोगों को काम का मौका मिला और 32 आउटलेट से 320 युवाओं को काम का मौका मिला गया। साथ ही 100 कुम्हार परिवारों को कुल्हड़ बनाने का इतना काम दे दिया कि पहले की तुलना उनकी आमदनी 5 गुना बढ़ गई। अजय ने बताया शुरुआत में रिस्पांस नहीं मिला। सेल बढ़ाने के लिए राहगीरों को हमारी चाय टेस्ट कराते। जिन्हे