सखा का साथ ले सकते है शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपने सखा का एक बार फिर साथ ले सकते है। राज्य आम चुनावों में सखा से विश्वसनीय उनकी नजर में कोई ओर नहीं और दोनों की जोड़ी हर बार सुपर हिट रही है।
यहां बता दें कि लगातार उपचुनावों की हार मुख्यमंत्री शिवराज के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। उनको अब काम और संगठन की चिंता सताने लगी है। सात माह बाद राज्य आम चुनावों में भी उतरना है। अब वह काम और संगठन के बीच तालमेल बिठा कर जनता के बीच एक संदेश देना चाहती है। वह सरकार के काम से जनता को जहां खुश करना चाहेंगे। वहीं संगठन के माध्यम से अपने काम और सुशासन को घर-घर पहुंचाने की तैयारी में है। इसके लिए उन्हें किसी विश्वसनीय साथी की जरूरत है, जिसके साथ चुनावी बैतरणी को पार किया जाये और जनता को भी काम दिखाया जाये।
सूत्रों की माने तो उन्हें अपने पुराने जोडीदार साथी की याद सताने लगी है। वह अपने सखा केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को एक बार फिर प्रदेश वापसी करा सकते है। खबर है कि वह एक बार फिर उन्हें प्रदेश अध्यक्षी के लिए बुलाने की तैयारी में है। दोनों के बीच तालमेल बहुत अच्छा है। नरेन्द्र सिंह की संगठनात्मक क्षमता किसी से छिपी नहीं। वैसे भी अंतिम दो आम चुनाव नरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत से भाजपा ने जीते है। दोनों की जोड़ी काफी पापुलर है।