शहर के 8 ब्लड बैंक में से छह में ब्लड और दो में प्लाज्मा मिल रहा है, एक बंद और एक सील्ड
शहर में नकली खून और मिलावटी प्लाज्मा तैयार करने वालों के रैकेट का भंडाफोड़ होने के बाद भले ही एक ब्लड बैंक सील हो गया हो, लेकिन छह ब्लड बैंक ऐसे हैं, जहां से खून और इनमें से दो से प्लाज्मा भी लिया जा सकता है। जानकारों के अनुसार एक बात की सावधानी जरूर रखनी होगी कि ब्लड हो या प्लाज्मा, केवल ब्लड बैंक से ही लें।
किसी बिचौलिए या हास्पिटल के कर्मचारी के माध्यम से न लें। यहां बता दें कि जेएएच स्थित ब्लड बैंक और श्री डायग्नोस्टिक में ब्लड के साथ ही कोविड मरीजों को प्लाज्मा भी उपलब्ध कराया जा रहा है। एक ब्लड बैंक को सील कर दिया है और एक अन्य ब्लड बैंक के प्रबंधन ने खुद संचालन बंद कर दिया है।
सीएमएचओ डाॅ. मनीष शर्मा के अनुसार शहर में वर्तमान चालू ब्लड बैंक में मानकों को ध्यान में रखते हुए काम किया जा रहा है। जरूरतमंद लोग खून व प्लाज्मा की आवश्यकता पड़ने पर संबंधित ब्लड बैंक में जाएं और अधिकृत व्यक्ति से संपर्क करें।
ब्लड और प्लाज्मा दोनों के लिए अधिकृत स्थान
जेएएच ब्लड बैंक जेएएच परिसर डाॅ. अरुण जैन 9826482660
श्री ब्लड बैंक हॉस्पिटल रोड पीएस श्रीवास्तव 9826867387
प्लाज्मा चढ़ाने से पहले क्या सावधानी बरतनी चाहिए
प्लाज्मा या ब्लड चढ़ाने से पहले मरीज की नब्ज, ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन सेचुरेशन आदि को देखकर ही मरीज को प्लाज्मा या कोई भी ब्लड प्रोडक्ट चढ़ाया जाता है। साथ ही क्राॅस मैच कार्ड में दी गई जानकारी से भी यह पता कर लेते हैं कि ब्लड ग्रुप सही है या नहीं? ब्लड या प्लाज्मा की कौन-कौन सी जांच की गई है? इससे संक्रमण फैलने की संभावना नहीं रहती। -डाॅ. विजय गर्ग, असिस्टेंट प्रोफेसर, जीआरएमसी
कोविड को हरा चुके मरीजों ने माना, प्लाज्मा थैरेपी से मिला लाभ
अजीत सिंह डाबर (78): स्वास्थ्य इतना खराब था कि डाॅक्टरों ने परिजनों को दिल्ली या बाहर के किसी हास्पिटल में ले जाने की सलाह दी। परिजनों ने यहां इलाज कराने पर जोर दिया तो डाॅक्टर्स ने 3 दिन प्लाज्मा थैरेपी दी। इससे काफी आराम मिला।
महेंद्र सिंह कौरव (72) : 90 प्रतिशत फेफड़ों में संक्रमण था। 15 साल से अस्थमा से पीड़ित था। ऐसे में ठीक होने की उम्मीद बहुत कम थी। लेकिन दवाईयों और प्लाज्मा थैरेपी से काफी आराम मिला। 22 दिन अस्पताल में रहने के बाद स्वास्थ्य काफी बेहतर है।
सबक: 15 दिन में पोर्टल पर अपलोड होगी ब्लड बैंक की जानकारी
दतिया के कारोबारी की मौत के बाद प्रशासन अब नकली खून और मिलावटी प्लाज्मा तैयार करने वाले रैकेट की कमर तोड़ने के लिए आईटी की मदद लेगा। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि 15 दिन के भीतर आईटी विशेषज्ञों की मदद से एक पोर्टल तैयार करा लिया जाएगा, जिसमें प्रत्येक ब्लड बैंक व हाॅस्पिटल को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिस हाॅस्पिटल में भर्ती मरीज को खून या प्लाज्मा की ज़रूरत होगी, अस्पताल द्वारा ऑनलाइन डिमांड भेजी जाएगी। ब्लड व प्लाज्मा बैग पर बारकोड लगाया जाएगा। उसे स्कैन करते ही जानकारी सिस्टम में अपलोड हो जाएगी। इससे बिचौलियों की भूमिका ही खत्म हो जाएगी।
काेराेना महामारी में महादलाली- खून और प्लाज्मा में पानी मिलाकर बेचने वाले अजय शंकर पर लगाई रासुका
ग्वालियर | खून और प्लाज्मा में डिस्टिल्ड वाटर मिलाकर मरीजों के परिजनों को बेचने वाले गिरोह के सरगना अजय शंकर त्यागी पर शुक्रवार को रासुका की कार्रवाई की गई। एसपी अमित सांघी ने इसके लिए प्रतिवेदन कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को भेजा था। जिस पर कलेक्टर ने तत्काल संज्ञान लेते हुए रासुका की कार्रवाई की। वहीं, शुक्रवार को एक और नया खुलासा उस समय हुआ, जब अजय के गांव मगरौल में रहने वाले कुछ लोगों ने पुलिस से संपर्क किया। इन लोगों ने पुलिस को बताया कि अजय से इन लोगों ने ब्याज पर पैसा लिया था, उसने 10 प्रतिशत तक का ब्याज गरीबों से वसूला।
यानि सरगना अजय, काली कमाई को ब्याज पर चलाकर भी मोटा मुनाफा कमा रहा था। उसने करीब 7 लाख रुपए ब्याज पर लोगों को दे रखे हैं। सिर्फ मगरौल में ही उसने आधा दर्जन लोगों को ब्याज पर पैसा दिया था। वारंट जारी होने के बाद शाम को टीआई पड़ाव विवेक अष्ठाना वारंट लेकर थाने पहुंचे। शनिवार को इसे तामील कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरोपी की संपत्ति की जानकारी निकलवाई है। उसकी संपत्ति भी राजसात कराने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।