मप्र में वैट के बाद एक बार में औसतन 22 पैसे महंगा हो रहा पेट्रोल

राजधानी में पेट्रोल के दाम रोज नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। पिछले 20 दिनों में ही 11 बार पेट्रोल के दाम बढ़ाए। इससे पेट्रोल 2.51 रुपए महंगा हो चुका है। कंपनियां एक बार में 22 पैसे दाम बढ़ाती हैं। जानकारों का कहना है कि कोरोना का वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद दुनियाभर में पेट्रोल-डीजल की मांग तेजी से बढ़ेगी। ऐसे में जिस कच्चे तेल से पेट्रोल-डीजल बनाया जाता है, उसके दामों में बढ़ोतरी के पूरे आसार हैं। ऐसे में अगर तेल कंपनियां मौजूदा रफ्तार से पेट्रोल के दाम बढ़ाती रहीं तो पेट्रोल नए वर्ष 2021 के पहले माह जनवरी के दूसरे पखवाड़े में 100 रुपए के पार हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा रफ्तार से कंपनियां फरवरी से पहले कम से कम 40 बार दामों में बढ़ोतरी कर सकती हैं। मौजूदा समय में पेट्रोल के दाम 91.46 रुपए चल रहे हैं। इतनी बढ़ोतरी के बाद दाम आसानी से 100 रुपए के पार हो सकते हैं। मप्र सरकार ने जून माह में कोरोना के नाम पर पेट्रोल-डीजल पर 1-1 रुपए की एडिशनल ड्यूटी लगाई थी। इसके बाद पेट्रोल पर औसतन टैक्स 39% के पार हो गया है।
मप्र सरकार को लॉकडाउन के कारण पहले तीन माह अप्रैल से जून के बीच जरूर नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन उसके बाद के हर माह में पेट्रोल-डीजल से सरकार की कमाई हर माह औसतन 258 करोड़ रुपए बढ़ी है।
एक साल में पेट्रोल पर 9% और डीजल पर 7% बढ़ा टैक्स
पेट्रोल- 2020 : 39% टैक्स 33% वैट+4.5 रुपए एडिशनल ड्यूटी (5%)+1% सेस
2019: 30% टैक्स 28% वैट+1.5 रुपए एडिशनल ड्यूटी (1%)+1% सेस
डीजल- 2020 : 27% टैक्स 23% वैट+3 रुपए एडिशनल ड्यूटी (3%)+1% सेस
2019: 20% टैक्स 18% वैट+ सेस 1% 1 रु. एडिशनल ड्यूटी।
3 माह लॉकडाउन के बाद भी 1900 करोड़ रु. ज्यादा मिलेंगे
मप्र सरकार 30 नवंबर तक 766 करोड़ रु. की कमाई ज्यादा कर चुकी है। 30 नवंबर तक कुल कमाई 6823.20 करोड़ रुपए हो चुकी है। 2019 में 30 नवंबर तक मप्र सरकार को कुल 6057 करोड़ रुपए ही मिले थे। वित्तीय वर्ष के शेष चार माह में उसे पिछले साल के मुकाबले कुल 1132 करोड़ रु. मिलने की उम्मीद है। अब तक हुई 766 करोड़ रुपए की कमाई इसमें जोड़ दी जाए तो पिछले साल से इस बार 1900 करोड़ रु. ज्यादा मिलने की उम्मीद है।
यह है आधार - कच्चा तेल एक माह में 26 फीसदी से ज्यादा बढ़ा
पेट्रोल-डीजल की कीमतें कच्चा तेल पर निर्भर होती हैं। इसकी कीमत 2 नवंबर को 2701 रुपए प्रति बैरल थीं, जो 10 दिसंबर को बढ़कर 3411 रुपए प्रति बैरल हो चुकी है। यानी 26.28% की बढ़ोतरी। अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च फर्म एएनजेड ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन बन जाने के बाद दुनिया में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। क्रूड की मांग बढ़ेगी। इससे इसके दामों में तेजी से बढ़ोतरी की उम्मीद है। इंडियन बॉस्केट में कच्चे तेल की कीमतों में संभावित बढ़ोतरी का बोझ अगर कंपनियों ने ग्राहकों पर डाला तो दाम बड़ी आसानी से 100 रुपए के पार हो जाएंगे।