33 दिन बाद फिर 300 पार, 11 दिन में 4 गुना से ज्यादा बढ़ गए मरीज

इंदौर में कोरोना की तीसरी लहर आ गई है। कलेक्टर मनीष सिंह ने खुद गुरुवार को इस बात को स्वीकारा। निजी अस्पतालों में ज्यादा लोग पहुंच रहे और वहां 90% तक बेड फुल हो चुके हैं। प्रशासन हर दिन बेड उपलब्धता की जानकारी ले रहा है।

अन्य जिलों के मरीज आने से भी अस्पतालों में परेशानी आ रही है। अब मरीजों को सुपर स्पेशिएलिटी सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में डायवर्ट करेंगे। इस बीच गुरुवार को 313 नए कोरोना मरीज मिले। चार लोगों की मौत भी हुई। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि त्योहारों के दौरान बाजारों में भीड़ और मौसम परिवर्तन के कारण मरीज बढ़ रहे हैं।

देशभर में कोरोना से जंग जारी

13 दिन बाद देश में फिर मौतें 600 पार, मरीजों का आंकड़ा आज 90 लाख से पार होगा।
जान गंवाने वाले कोरोना वॉरियर्स के बच्चों को मेडिकल कॉलेज में सीटें दी जाएंगी।
अहमदाबाद में शुक्रवार रात 9 बजे से सोमवार सुबह 6 तक कर्फ्यू
पहली लहर- 24 मार्च से 30 मई

पॉजिटिव रेट- 9.76 मौत- 132 मृत्युदर- 3.78

रिकवरी रेट- 56%

दूसरी लहर- 11 जुलाई से 24 अक्टूबर

पॉजिटिव रेट- 3.71 मौत - 412 मृत्युदर- 1.46

रिकवरी रेट- 40%

अब तीसरी लहर 12 नवंबर से

पॉजिटिव रेट- 7.80 मौत- 12 मृत्युदर- 1.2

रिकवरी रेट- 69%

यही रफ्तार रही तो नवंबर अंत तक रोज आएंगे 300 से ज्यादा मरीज

नवंबर के शुरुआती 7 दिन में मरीजों की संख्या 2 अंकों में थी। इस बीच 498 मरीज मिले। 8 से 18 नवंबर में चार गुना अधिक 1693 मरीज मिले।
चार दिन में मरीज दो गुना से ज्यादा बढ़े। यही रफ्तार रही तो नवंबर के अंतिम सप्ताह तक मरीजों की संख्या हर दिन 300 से अधिक हो सकती है।
त्योहार के दौरान उमड़ी भीड़ के कारण ऐसा पहली बार हो रहा कि पूरा परिवार संक्रमित होकर अस्पताल पहुंच रहा। ज्यादातर के फेफड़ों में 60 से 70 फीसदी इन्फेक्शन मिल रहा।
पलासिया क्षेत्र में एक परिवार ने संयुक्त भाई दूज मनाई थी, उनके यहां सभी बीमार हो गए हैं।
तीसरी लहर से आगे क्या होगा
दिसंबर में रोज करीब 400 मरीज मिल सकते हैं।
ठंड की वजह से ए-सिम्टोमैटिक कम होंगे। सर्दी, खांसी से बीमारी की चपेट में अधिक आ रहे।
दमा, दिल की बीमारी के मरीजों को ठंड में ज्यादा एहतियात बरतना होगी।
इसमें थोड़ी राहत ये ही...
बीमारी, उसके लक्षण की पहचान हो चुकी है। गंभीर मरीज की भी जान बचाई जा सकती है। तीसरी लहर ज्यादा घातक नहीं मानी जा रही।
कुछ निजी अस्पतालों को छोड़ बाकी जगह ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू, वेंटिलेटर उपलब्ध हैं।