पिछले साल की कीमत में ही मिलेंगे पटाखे

इस बार दीपावली पर आतिशबाजी लोगों को पिछले साल की कीमत पर ही मिलेगी। ग्वालियर में आतिशबाजी पूरी तरह से तमिलनाडु राज्य के शिवाकाशी से आती है। शिवाकाशी की कंपनियों ने कोरोना काल में उत्पादन कम होने और बिक्री अधिक न होने की आशंका के चलते पटाखों की कीमतों में इस बार बढ़ोत्तरी नहीं की है।

इसलिए मेला ग्राउंड पर लगने वाले आतिशबाजी मार्केट में जो 210 दुकानें लगेंगी, वहां पर जो पटाखे मिलेंगे, वह लोगों को पिछले साल की दीपावली की कीमत पर ही मिलेंगे। हर साल पटाखों की कीमत में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाती है।

पटाखा कारोबारी पंकज जायसवाल बताते हैं कि इस बार कई प्रकार की चकरी, अनार, 12 स्टार, 240 शॉट, काशीराम, रॉकेट, फुलझड़ी, लैला मजनू सहित 100 प्रकार के विभिन्न आइटम मिलेंगे। लेकिन रेट पुराने वाले ही रहेंगे। श्री जायसवाल के अनुसार 8 कंपनियों के पटाखे मार्केट में मिलेंगे।

ये पटाखे फैला रहे थे प्रदूषण प्रतिबंधित भी किया गया

इस बार लाल पटाखों की लड़ियां जो मार्केट में आएंगी, उनमें बारूद और केमिकल की मात्रा सीमित किए जाने का दावा कंपनियां कर रही हैं। वहीं क्लासिक सुतली बम नहीं मिलेगा। वहीं रंगीन धुआं और आतिशबाजी छोड़ने वाले फाउंटेन भी इस बार मार्केट में प्रतिबंधित किए गए हैं।

हिंदू देवी-देवताओं के नाम और चित्र वाले पटाखों की बिक्री पर रोक

हिंदू आतिशबाजी फुटकर विक्रेता संघ के सचिव हरीश दीवान ने कहा कि लक्ष्मी बम, सीता फुलझड़ी और इसी तरह के नाम व देवी-देवताओं के चित्र वाले पटाखे खूब बिका करते थे। लेकिन इससे हमारी आस्थाओं पर चोट लगती है। इसलिए इस तरह के पटाखे आतिशबाजी मेले में नहीं बिकेंगे।

चाइनीज पटाखों की बिक्री नहीं होगी

पटाखा कारोबारियों ने सिर्फ शिवाकाशी की कंपनियों के पटाखों की बिक्री का निर्णय लिया है। चाइनीज पटाखों में आतिशबाजी के आइटम अधिक आते थे, जो भारतीय पटाखों की तुलना में 25% कम दाम पर मिलते थे।