नेताजी, आपने सड़क नहीं बनवाई, इसलिए गांव में आपकी नो एंट्री; बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे लोग चुनाव के वक्त हुए मुखर

जैसे-जैसे मतदान के दिन नजदीक आ रहे हैं, लोगों का गुस्सा भी बढ़ रहा है। राजनीतिक मंचों से नेताओं की बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बीच सड़क, पानी और बिजली की समस्याओं की अनदेखी के कारण कई जगह लोग सड़कों पर उतर आए हैं और गांवों में नेताओं की एंट्री बंद कर दी है। ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दे दी है कि कोई भी नेता वोट मांगने आएगा तो उसे गांव में नहीं घुसने देंगे। इन गांवों में मुख्य दलों के प्रत्याशी विरोध के डर से पहुंच नहीं पा रहे हैं।

लोगों ने तय किया- नहीं डालेंगे वोट, गांव में लगाया बहिष्कार का पोस्टर

खेरियातोर...15 सौ मतदाता, सड़क न बनने से नाराजगी

भिंड जिले के मेहगांव क्षेत्र की तीन हजार की आबादी वाले खेरियातोर गांव में 15 सौ वोटर हैं। विधानसभा मुख्यालय के सबसे नजदीक के इस गांव में आज तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है। उम्मीदें धूमिल हो गईं तो ग्रामीणों ने नेताओं के घुसने पर पाबंदी लगा दी है। बहिष्कार का बैनर भी लगा दिया है। गांव के कुलदीप का कहना है कि जो वोट मांगने आएगा, उसे भगा देंगे।

गंजबाजार... सर्दी-बारिश में भी पानी के लिए बहाते हैं पसीना

गोहद नगर के वार्ड दो स्थित गंजबाजार के लोग बारिश और ठंड के मौसम में भी पानी के लिए पसीना बहाते हैं। यहां के निशांत बरैया और सुमित कहते हैं, नई पाइपलाइन से यहां की लाइन को जुड़वाना था लेकिन किसी ने सुना तक नहीं। हमने तय किया है, इस बार वोट नहीं डालेंगे। जो भी नेता वोट मांगने आएगा, उसे उल्टे पांव खदेड़ देंगे।

आगर में गांवबंदी... फसल बीमा न मिलने से लोगों में गुस्सा

आगर मालवा. 1200 की आबादी वाले ग्राम लिंगोडा में किसानों काे फसल बीमा का क्लेम नहीं मिला है। ग्रामीणों का कहना है कि हमें प्रीमियम का भुगतान करने के बाद भी क्लेम क्यों नहीं दिया जा रहा। इस सवाल का जवाब जब तक नहीं मिलता, तब तक किसी प्रत्याशी को प्रचार नहीं करने देंगे। ओंकारसिंह बोले- कांग्रेस प्रत्याशी विपिन वानखेड़े को हम लौटा चुके हैं।

लोगों को समझना चाहिए

ग्रामीणों को भ्रम हो गया है कि विरोध से समाधान हो जाता है। एक गांव में लोग ट्रांसफाॅर्मर के लिए धरने पर बैठ गए। वहां ट्रांसफाॅर्मर पहले से मंजूर था, इसलिए लग गया। इसके बाद दूसरे गांव के लोग सड़क के लिए विरोध करने लगे। आचार संहिता में काम नहीं हो सकता। यह लोगों को समझना चाहिए।'
-रणवीर जाटव, भाजपा प्रत्याशी, गोहद

बिरखड़ी... अब तक किसी नेता को आने नहीं दिया

गोहद की बड़ी पंचायतों में शुमार बिरखड़ी में तीन किमी का रोड तमाम नेताओं के आश्वासन के बाद भी आज तक नहीं बन पाया। लोग कहते हैं- नेताओं को अब तक गांव में घुसने नहीं दिया। आगे भी नहीं आ पाएंगे। अब उन पर भरोसा नहीं।