10वीं की परीक्षा रद्द होने से किसे फायदा, किसे नुकसान, जानें यहां

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 10वीं के छात्रों के लिए तैयार की गई मूल्यांकन नीति से स्वाध्यायी छात्रों को बड़ा नुकसान हो सकता है. उन्हें न्यूनतम अंकों से ही संतोष करना पड़ेगा.

मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण 10वीं की परीक्षा रद्द होने के से लाखों छात्रों को राहत मिली है. लेकिन मध्य प्रदेश बोर्ड ने मूल्यांकन की जो नीति बनाई है, उससे स्वाध्यायी छात्रों को नुकसान होगा. ऐसे छात्रों को 33 फीसदी अंक ही मिलेंगे. माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से जारी आदेश के अनुसार, 10वीं के नियमित छात्रों का मूल्यांकन अर्धवार्षिक परीक्षा/प्री-बोर्ड, यूनिट टेस्ट और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा. इसमें प्रत्येक के लिए निश्चित अधिभार तय किया गया है. लेकिन स्वाध्यायी छात्रों का मूल्यांकन न होने के कारण उन्हें न्यूनतम 33 अंक दिए जाएंगे.

अर्धवार्षिक/प्री बोर्ड परीक्षा का वेटेज 50 प्रतिशत होगा. जबकि यूनिट टेस्ट का 30 प्रतिशत और आंतरिक मूल्यांकन का 20 प्रतिशत वेटेज होगा. इस प्रकार यदि किसी छात्र को इस फॉर्मूले के आधार पर यदि किसी विषय में 100 में से कुल 80 अंक प्राप्त होते हैं तो ओएमआर शीट में प्रोराटा आधार पर 16 अंक अंकित किए जाएंगे.