शिवराज और कमलनाथ के बीच छिड़ा ट्विटर वॉर, पाप और धर्म पर लिखीं ये बातें

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच गुरुवार को ट्विटर वॉर छिड़ गया. दरअसल, सीएम शिवराज ने पाप और धर्म को लेकर गुरुवार को एक ट्वीट किया था, जिसके जवाब में कमलनाथ ने भी कई सारे ट्वीट किए.

  • सीएम शिवराज ने पाप और धर्म को लेकर किया था ट्वीट
  • जवाब में पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी किए कई सारे ट्वीट

दरअसल, बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था, जिसमें कमलनाथ सरकार के तख्तापलट करने की बात थी. इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं हुई और ना ही बीजेपी से इसपर कोई खास प्रतिक्रिया आई, लेकिन कांग्रेस ने ऑडियो को आधार बनाकर बीजेपी पर निशाना साधा. वहीं गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऑडियो के वायरल होने के बाद ट्वीट किया

शिवराज के इस ट्वीट को 26 हजार से ज्यादा लाइक और 4 हजार के करीब रीट्वीट्स मिले हैं. शिवराज के इस ट्वीट का जवाब देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्विटर का ही सहारा लिया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'कुछ लोग खुद को बड़ा धर्म प्रेमी बताते हैं, खूब ढोंग करते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि ये ही लोग सबसे बड़े अधर्मी, पापी हैं....

एक अन्य ट्वीट में कमलनाथ की ओर से लिखा गया कि, 'धोखा, फरेब, साजिश, खरीद फरोख्त, षडयंत्र, प्रलोभन, ये आचरण तो धर्म कभी नहीं सिखाता?

कमलनाथ यहीं नहीं रुके, उन्होंने इसके बाद एक और ट्वीट किया और लिखा कि 'क्या किसानों का कर्ज माफ करना पाप है? क्या युवाओं को रोजगार देना पाप है? क्या जनता को, किसानो को सस्ती बिजली उपलब्ध कराना पाप है? क्या महिलाओं को सुरक्षा व सम्मान देना पाप है? क्या मिलावट मुक्त प्रदेश बनाना पाप है? क्या माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाना पाप है? क्या प्रदेश में निवेश लाकर बेरोजगारी दूर करना पाप है? क्या कन्या विवाह की राशि को बढ़ाना पाप है? क्या सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाना पाप है? क्या प्रदेश पर पिछले 15 वर्षों में लगे दाग धोना पाप है? यदि यह पाप है तो प्रदेश की जनता के हित में यह पाप हम करते रहेंगे'

हालांकि, कमलनाथ ने अपने किसी भी ट्वीट में शिवराज को टैग नहीं किया लेकिन 'धर्म' और 'पाप' पर किए गए ट्वीट को शिवराज के ट्वीट का जवाब ही माना जा रहा है. बता दें कि मध्य प्रदेश में आगामी महीनों में उपचुनाव होने हैं उससे पहले दोनों ही राजनीतिक दल एक दूसरे को घेरने में लग गए हैं.