बस विवाद में CM शिवराज की एंट्री, प्रियंका गांधी को दिया MP मॉडल देखने का न्यौता

करीब 24 घंटे से भी ज्यादा समय से उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए खड़ी बसों को लेकर जो विवाद चल रहा है उसमें अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एंट्री हो गई है. शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर प्रियंका से मध्य प्रदेश मॉडल देखने की नसीहत दी है.

  • 'प्रियंका जी, श्रमिकों की मदद करनी है, तो MP आइए'
  • 'श्रमिकों को सीमा तक ले जाने को 1 हजार बस चला रहे'
  • यहां मजदूर भूखा-प्यासा, पैदल चलता नहीं मिलेगाः शिवराज

मंगलवार देर शाम मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए मध्य प्रदेश मॉडल देखने और सीखने की सलाह दी है.

हमारे यहां की व्यवस्था देखिएः शिवराज

देर शाम ट्वीट करते हुए सीएम शिवराज ने लिखा 'प्रियंका जी, अगर आपको सच में श्रमिकों की मदद करनी है, तो मध्य प्रदेश आइए. हमारे यहां की व्यवस्थाएं देखिए, सीखिए; उससे आपको मदद मिलेगी. मध्य प्रदेश की धरती पर आपको कोई मजदूर भूखा, प्यासा और पैदल चलता हुआ नहीं मिलेगा. हमने कारगर इंतजाम किए हैं'.

इसके आगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि अपने और दूसरे राज्यों के श्रमिक भाइयों को उनके घरों एवं राज्यों तक पहुंचवाने के लिए हम एक हजार से अधिक बसें रोज चलवा रहे हैं. देश के दूसरे राज्यों में फंसे अपने 4.5 लाख मजदूर भाई-बहनों को अब तक ट्रेनों और बसों से हम उन्हें उनके घर पहुंचवा चुके हैं.'

अपने एक और ट्वीट में शिवराज सिंह चौहान ने प्रियंका गांधी पर मजदूरों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए लिखा 'प्रियंका जी, संकट की इस घड़ी में अपनी निकृष्टतम राजनीति के लिए मजदूरों को मोहरा मत बनाइए. उनकी हाय लगेगी. उनके साथ-साथ यह देश और दुनिया भी आपकी कथनी और करनी में अंतर को साफ-साफ देख रही है. छल नहीं, सेवा कीजिए, यही सच्ची राजनीति है.'

4 लाख 42 हज़ार श्रमिक वापस लौटेः शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दावा है कि उनकी सरकार अब तक अन्य राज्यों फंसे करीब 4 लाख 42 हजार प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी करवाई है. इनमें से करीब 1 लाख 27 हजार श्रमिक ट्रेन के जरिए वापस आए हैं तो वहीं 3 लाख 15 हजार के करीब श्रमिक सड़क मार्ग के जरिए वापस लाए गए हैं.

इसके अलावा सीएम शिवराज ने कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से रेलवे को 125 ट्रेनों की मांग भेजी गई थी जिसमें से करीब 100 ट्रेनें अब तक प्रवासी श्रमिकों को लेकर मध्य प्रदेश आ चुकी है.

मुख्यमंत्री का यह भी कहना है कि महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश के रास्ते उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार जाने वाले प्रवासी मजदूरों को पैदल ना चलना पड़े इसके लिए 1 हजार बसों को ड्यूटी पर लगाया गया है जो श्रमिकों को अन्य राज्यों की सीमाओं तक छोड़ रही हैं.