आज से दिल्ली में नो एंट्री! केजरीवाल के ऐलान के बाद बॉर्डर सील, सिर्फ पास वालों को एंट्री

देश में लॉकडाउन 5.0 का आज दूसरा दिन है, इसे अनलॉक 1 भी नाम दिया जा रहा है. पिछले करीब दो महीने से देशभर में लागू पाबंदियां अब धीरे-धीरे हटने लगी हैं. लेकिन इस बीच राजधानी दिल्ली में आसपास के शहरों से काम के लिए आने वालों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि आज से अगले एक हफ्ते तक दिल्ली के बॉर्डर सील हैं. अब सिर्फ पास वालों को ही एंट्री दी जाएगी.

फैसले का ज़मीन पर क्या असर

लॉकडाउन 5.0 की गाइडलाइन्स के मुताबिक, एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर किसी तरह की रोक नहीं है. इसी के तहत हरियाणा ने दिल्ली से सटे अपने बॉर्डर को खोल दिया था, यानी लोग गुरुग्राम-फरीदाबाद से दिल्ली आ सकते थे. लेकिन उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद ने दिल्ली से सटे बॉर्डर को बंद ही रखा.

अब दिल्ली सरकार के फैसले के बाद बॉर्डर पूरी तरह से सील हैं, यानी दिल्ली में आसानी से एंट्री नहीं मिलेगी. अब सिर्फ दिल्ली में वो ही लोग आ पाएंगे, जिनके पास प्रशासन द्वारा जारी पास होगा या फिर वो जरूरी क्षेत्र में कार्य करते होंगे.

दिल्ली सरकार ने लिया फैसला

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली की स्थिति से अवगत कराया, लेकिन अंत में सभी बॉर्डर को एक हफ्ते के लिए सील करने का ऐलान कर दिया.

 

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बारे में वह जनता से सुझाव मांगते हैं और शुक्रवार की शाम तक लोग अपने सुझाव भेज सकते हैं. साथ ही इसबात पर भी सुझाव मांगे गए हैं कि कोरोना संकट के बीच दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों को ही इलाज की प्राथमिकता दी जाए.

दफ्तर वालों के लिए मुश्किलें अपार

गौरतलब है कि एक तरफ दिल्ली में सभी तरह के दफ्तर खुलना शुरू हो गए हैं, फिर चाहे सरकारी हो या गैर सरकारी, ऐसे में बॉर्डर सील करने का फैसला मुश्किल भरा हो सकता है. सोमवार को ही इसका असर दिखने लगा था, जब दिल्ली-नोएडा, दिल्ली-गाजियाबाद, दिल्ली-गुरुग्राम के बॉर्डर पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया था.

फैसले को लेकर राजनीति भी तेज़ हुई है, भारतीय जनता पार्टी ने इस फैसले को गलत बताया है और कहा है कि दिल्ली देश की राजधानी है ऐसे में इसे बंद नहीं किया जा सकता है. तो वहीं AAP ने इसे दिल्ली वालों के हित में फैसला बताया है.