UP: रेलवे स्टेशनों पर होगी यात्रियों की जांच, DM कराएंगे घर जाने का इंतजाम

कोरोना वायरस की महामारी के कारण रेल के पहिए पर लगा ब्रेक अब हट गया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से देश के अलग-अलग शहरों के लिए 15 जोड़ी यात्री ट्रेन का परिचालन शुरू हो गया है. ऐसे में एक सवाल जो सबके मन में आ रहा है कि अलग-अलग स्टेशन पहुंच रहे लोग घर कैसे जाएंगे? उन्हें क्वारनटीन किया जाएगा या घर जाने दिया जाएगा?

  • लक्षण मिलने पर यात्री को क्वारनटीन कराएगा जिला प्रशासन
  • कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही मिलेगी जाने की इजाजत

ट्रेन का परिचालन शुरू होने के साथ ही अब इस बात को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर टिकट लेकर घर को लौट रहे लोग रेलवे स्टेशन से अलग-अलग जनपदों में जाएंगे या फिर क्वारनटीन कराया जाएगा. यह सवाल इसलिए भी, क्योंकि सार्वजनिक परिवहन के साधनों का परिचालन हो नहीं रहा और जिलों की सीमाएं सील हैं. अभी तक अंतर जनपदीय आवागमन पर रोक है.

कानपुर और लखनऊ जैसे रेड जोन वाले शहरों में तो आवागमन बहुत ही मुश्किल है, ऐसे में यात्रियों के दूसरे जनपदों में अपने घर जाने की व्यवस्था को लेकर सरकार ने कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है. हालांकि, गृह विभाग ने कहा है कि इसका प्रबंध जिलाधिकारी करेंगे. गौरतलब है कि रेलवे ने अपने निर्देश में साफ कर दिया है कि हर राज्य से गुजरने वाली ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों पर उस राज्य के कोविड प्रोटोकॉल लागू होंगे.

उत्तर प्रदेश के किसी भी स्टेशन पर अगर कोई भी यात्री अपने टिकट के साथ स्टेशन पर उतरेगा, तो हर स्टेशन पर मौजूद मेडिकल टीम उनके स्वास्थ्य की जांच करेगी. अगर बुखार, खांसी या कोई लक्षण मिला तो फिर जिला प्रशासन उन्हें क्वारनटीन कराएगा. फिर उनकी कोरोना जांच कराई जाएगी. रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उस व्यक्ति को अपने घर जाने की इजाजत दी जाएगी.

बड़े स्टेशनों पर उतरने के बाद अलग-अलग जनपदों के यात्रियों के लिए क्या व्यवस्था होगी, इस पर फिलहाल आखिरी फैसला वहां के जिलाधिकारी को करना होगा. स्टेशन पर उतर कर दूसरे जनपदों में जाने वालों के लिए यूपी रोडवेज की तरफ से व्यवस्था की तैयारी चल रही है, लेकिन अभी इस पर आखिरी प्रोटोकॉल आना अभी बाकी है.

उत्तर प्रदेश रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन से बात होने के बाद ही इस पर कोई प्रोटोकॉल जारी होगा. हालांकि, यह जिम्मेदारी जिला प्रशासन पर होगी कि लोग अगर दूसरे जिलों के हैं, तो उन्हें भेजने की क्या वैकल्पिक व्यवस्था होगी.