पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाने से सरकारी खजाने में आएंगे 1.4 लाख करोड़ रुपये: बार्कलेज

केंद्र सरकार ने मंगलवार को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में भारी बढ़त कर दी है. ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज का अनुमान है कि इससे केंद्र सरकार को 1.4 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है, जो कि कुल जीडीपी का करीब 0.67 फीसदी होगा.

बार्कलेज ने एक रिपोर्ट में कहा है, 'यह ईंधन पर पहले से ही लगे टैक्स/सेस से सरकार को होने वाली सालाना 2.8 लाख करोड़ रुपये की कमाई के अतिरिक्त होगा. यानी इस तरह से ईंधन पर टैक्स लगाकर सरकारी खजाने में साल में कुल 4.4 लाख करोड़ रुपये आएंगे, जो कि जीडीपी का 2.1 फीसदी होता है.

क्या है रिपोर्ट में

रिपोर्ट के अनुसार इस आकलन में यह भी मान लिया गया है कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से इस वित्त वर्ष यानी 2020-21 में पेट्रोल एवं डीजल की मांग में 12 फीसदी की गिरावट आएगी. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में 10 रुपये की और डीजल पर 13 रुपये की बढ़ोतरी की है. इसके साथ ही अब पंप पर मिलने वाले पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़कर 69 फीसदी हो गया है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है.

सरकार ने ​लिया फैसला

मंगलवार रात एक अधिसूचना जारी कर बताया गया कि डीजल एवं पेट्रोल दोनों पर रोड एवं इन्फ्रा सेस बढ़ाकर 8 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. इसे अलावा डीजल पर 5 रुपये लीटर का अतिरिक्त एक्साइज और पेट्रोल पर 2 रुपये लीटर का अतिरिक्त एक्साइज टैक्स लगाया गया है. यह भारत में ईंधन पर एक दिन में टैक्स की हुई सबसे बड़ी बढ़त है.

इस बढ़ोतरी में रोड सेस वाला जो हिस्सा है वह पूरी तरह से केंद्र को मिलेगा, लेकिन अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी वाले हिस्से को राज्यों से शेयर करना पड़ेगा. इसके अलावा दिल्ली, हरियाणा, असम और पंजाब सरकार ने ईंधन पर वैट भी बढ़ा दिया है.

महंगाई पर क्या होगा असर

बार्कलेज ने कहा कि केंद्र सरकार कच्चे तेल में होने वाले वाली गिरावट का फायदा प्रभावी तरीके से उठा रही है, इसलिए इस बढ़ोतरी का महंगाई पर असर ब​हुत सीमित होगा. बार्कलेज ने कहा, 'उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई के लिए हमारा अनुमान है कि पेट्रोल की कीमत में प्रति 2 रुपये लीटर की बढ़त से महंगाई में 0.1 से 0.15 फीसदी की बढ़त हो सकती है जो कि कुछ खास नहीं है.'