MHA की गाइडलाइन के बाद महाराष्ट्र ने शुरू की तैयारी, रखी शर्तें

कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में इस समय 40 दिनों का लॉकडाउन है. लॉकडाउन की वजह से लाखों लोग (प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक और छात्र आदि) अपने घर से दूर दूसरी जगहों पर फंस गए हैं. गृह मंत्रालय ने फंसे हुए इन लोगों के लिए कल बुधवार को नई गाइडलाइन जारी की. केंद्र की ओर से गाइडलाइन जारी होने के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने भी राज्य में फंसे लोगों को निकालने के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है.

महाराष्ट्र सरकार ने फंसे लोगों की मदद के लिए शीर्ष स्तर पर अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है. अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) डॉक्टर नितिन करीर के साथ श्रीमती इडजेस कुंदन प्रमुख सचिव, महिला और बाल विकास विभाग और अभय यावलकर निदेशक, राज्य आपदा प्रबंधन, इस मूवमेंट का समन्वय करेंगे.

कंट्रोल रूम का नंबर

महाराष्ट्र सरकार की ओर से नबंर भी जारी किए गए हैं. कंट्रोल रूम का नंबर 022-22027990 है. साथ ही controlroom@maharashtra.gov.in मेल के जरिए संपर्क किया जा सकता है.

साथ ही सभी जिला कलेक्टर्स को अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य में फंसे लोगों को मदद करने और उन्हें भेजने को लेकर मदद के लिए नोडल अथॉरिटी नामित किया गया है.

नोडल अथॉरिटी अपने जिले के भीतर बाहरी राज्यों के फंसे व्यक्तियों को जो अपने राज्य लौटना चाहते हैं को पंजीकृत करेगा और अपनी विस्तृत सूची जिले के जिला कलेक्टर को सौंपेगा. साथ ही इसकी कॉपी राज्य नोडल स्तर पर भी भेजा जाएगा.

लेनी होगी अनुमति

अंतर राज्यीय स्तर पर जाने के लिए, अन्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक-दूसरे से परामर्श करेंगे और तय कार्यक्रम के अनुसार सड़क के जरिए जाने को लेकर राजी होंगे.

महाराष्ट्र में आने के लिए व्यक्तियों के समूह या लोगों को जिला कलेक्टर या निदेशक, राज्य आपदा प्रबंधन से अनुमति पत्र हासिल करना अनिवार्य होगा. इस तरह किसी भी व्यक्ति या समूह तब तक नहीं जाने दिया जाएगा, जब तक कि उसके पास राज्य या जिला स्तर पर से उपयुक्त अनुमति पत्र हासिल न कर लिया हो.

साथ ही आने-जाने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी और उन्हीं व्यक्तियों को अनुमति मिलेगी जिनमें कोरोना वायरस के किसी तरह के लक्षण नहीं दिखते हों. राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देश के अनुसार जो लोग अपनी निजी व्यवस्था से यात्रा करना चाहते हैं, उन्हें भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आने-जाने के लिए अनुमति पत्र हासिल करना होगा. इसके अलावा आने-जाने वाले वाहनों को भी अनुमति (पास) लेनी होगी.