सिसोदिया बोले- दिल्ली बॉर्डर सील करने के पक्ष में हम नहीं, राज्य मिलकर निकालेंगे हल

देश में लगातार कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में भी कोरोना वायरस के मरीजों के संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है. इस दौरान दिल्ली की सीमाएं सील करने को लेकर भी दिल्ली और आस-पास के राज्यों में काफी खींचतान देखी जा रही है. इस बीच मनीष सिसोदिया ने कहा है कि राज्य मिलकर इसका हल निकालेंगे.

  • देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज
  • कोरोना संकट के कारण दिल्ली-एनसीआर की सीमाएं सील

दिल्ली की सीमा सील करने को लेकर आजतक के साथ खास बातचीत में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि वो दिल्ली का बॉर्डर सील करने के पक्ष में नहीं है. हालांकि कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण कुछ फैसले लेने पड़े हैं. हम भी चाहते हैं कि दिल्ली से जुड़े शहरों के बीच आवाजाही सुगम तरीके से हो.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दो महीने के लॉकडाउन से ये बात समझ में आई है कि लॉकडाउन कोरोना वायरस का समाधान नहीं है. कोरोना वायरस के साथ जीना होगा और हमें अपनी स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करनी होगी, ताकि कोरोना से लड़ा जा सके.

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मामले काफी बढ़े हैं. हालांकि जरूरी सेवाओं के लिए बॉर्डर क्रॉस करने वालों को नहीं रोका जा रहा. सीमाओं पर कभी किसी रोगी को रोकने की बात नहीं कही. हालांकि सब लोग अगर दिल्ली आएंगे तो दो दिन में दिल्ली में मौजूद बेड भर जाएंगे. दिल्ली-एनसीआर के इलाके में सुगम आवाजाही के लिए राज्य मिलकर हल निकालेंगे.

कोरोना संकट के कारण दिल्ली-एनसीआर की सीमाएं सील हैं और लोगों को आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. लोगों की दिक्कत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास बनाने का निर्देश दिया है.

एनसीआर के लोगों की समस्याओं को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में आवाजाही के लिए एक कॉमन पोर्टल बनाया जाए. इसके लिए सभी स्टेक होल्डर मीटिंग करें और एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास जारी करें, जिससे एक ही पास से पूरे एनसीआर में आवाजाही हो सके.