तेल की कीमतों में उछाल, ट्रंप के फिर से बाजार खोलने की योजना से मिला फायदा

कोरोना वायरस की महामारी से त्रस्त अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अमेरिका को फिर से खोले जाने की योजना के बाद तेल की कीमतों में शुक्रवार को उछाल देखी गई. कोरोना की रोकथाम के लिए दुनिया के ज्यादातर देशों की ओर से किए जा रहे प्रयासों की वजह से तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई थी.

अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड, एशियाई व्यापार में लगभग तीन प्रतिशत बढ़कर 28.65 डॉलर प्रति बैरल था जबकि अमेरिकी बेंचमार्क डब्ल्यूटीआई रोज 0.6 प्रतिशत बढ़कर 19.99 डॉलर प्रति बैरल हो गया, लेकिन यह अभी भी 2002 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर बना हुआ है. तेल बाजारों में एशियाई शेयर बाजारों और वॉल स्ट्रीट पर रातोंरात वृद्धि देखी गई.

लॉकडाउन ने बढ़ाई मुसीबत

कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए दुनियाभर में लगाए गए लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों की वजह से तेल की मांग में भारी गिरावट आई जिसका असर उसकी कीमतों पर पड़ा. इस बीच सऊदी अरब और रूस के बीच छिड़े प्राइस वार ने संकट और गहरा दिया था.

तेल निर्यातक देशों का समूह ओपेक का मुख्य केंद्र रियाद है तो गैर ओपेक सदस्यों का मुख्य केंद्र मास्को है. दोनों ने पिछले सप्ताह के अंत में अपने विवाद को उस समय समाप्त कर दिया था जब सुस्त पड़े बाजारों को बढ़ावा देने के लिए एक दिन में लगभग 10 मिलियन बैरल उत्पादन में कटौती करने के का फैसला लिया गया.

लेकिन कीमतों में और भी गिरावट जारी रहा. विश्लेषकों का कहना है कि यह कोरोना की वजह से मांग में हुई कमी को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा.

सबसे खराब साल

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने आगाह करते हुए कहा है कि 2020 का यह सप्ताह तेल सेक्टर के इतिहास में सबसे खराब वर्ष होने की संभावना है. जबकि ओपेक ने गुरुवार को चेतावनी दी थी कि तेल बाजार "ऐतिहासिक सदमे" से गुजर रहा है.