चीन से तनाव के बीच आत्मनिर्भर बनने में जुटा FICCI, बनाया PEACE प्लान

भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. इसी कड़ी में चीन को आर्थिक मोर्चे पर घेरने के लिए भारत सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं. वहीं, चीन के प्रोडक्ट के बहिष्कार की भी मुहिम तेज हो गई है.

  • उद्योग संगठन फिक्की ने की PEACE फॉर्मूले की तैयारी
  • फॉर्मूले के तहत आत्मनिर्भर बनने की कवायद होगी तेज

इस बीच, अब भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने अपने सदस्यों के लिए PEACE नाम से एक कार्य योजना तैयार की है. इस फॉर्मूले के तहत आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया जाएगा. फिक्की की ओर से अपने सदस्यों को PEACE फॉर्मूले के हर शब्द के बारे में विस्तार से बताया गया है.

1. प्रोडक्शन के लिए P: फिक्की ने संगठन के सदस्यों से अपने लिए बेंचमार्क सेट करके प्रोडक्शन बढ़ाने की अपील की है. प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए निकाय एक परामर्श विंग भी शुरू करेगा.

2. इफीशियन्सी (दक्षता) के लिए E: फिक्की के मुताबिक कंपनियों को स्थानीय और राज्य सरकारों के साथ काम करने के लिए दक्षता में सुधार करने का सुझाव दिया गया है ताकि व्यापार करने में आसानी हो. फिक्की के कई सुझावों को स्वीकार कर लिया गया है और निकाय ने प्रधानमंत्री, वित्त, वाणिज्य और उद्योग मंत्री, अन्य मंत्रियों, सीएम और कई अन्य लोगों के साथ कई बातचीत भी की है. फिक्की आने वाले दिनों में दक्षता बढ़ाने के लिए अपने सदस्यों के विचारों और सुझावों को सरकारों तक ले जाएगा.

3. अल्टर्नेट (विकल्प) के लिए A: फिक्की के मुताबिक कई उत्पाद घरेलू रूप से उपलब्ध हैं, फिर भी कई कंपनियां विदेशों से उत्पादों का आयात करती हैं. प्रत्येक सदस्य को दूसरे देशों से आपूर्ति के वैकल्पिक स्रोतों को देखना चाहिए. फिक्की ने अपनी ओर से एयर कंडीशनर, फर्नीचर, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और मोबाइल फोन के लिए रणनीति विकसित की है.

4. कॉम्पिटिशन (प्रतिस्पर्धा) के लिए C: फिक्की के मुताबिक हमें अपने प्रत्येक व्यवसाय को देखने और प्रतिस्पर्धा में सुधार के लिए एक कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता है. फिक्की का कहना है कि सरकार की नीति के कई पहलू व्यवसाय की प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित करते हैं. इसमें बिजली, भूमि, श्रम आदि की लागत शामिल हैं.

5. एक्सपोर्ट (निर्यात) के लिए E : फिक्की के मुताबिक अब निर्यात पर ध्यान केंद्रित करना अनिवार्य है. फिक्की ने सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे अपने निर्यात में तेजी लाएं और अपनी प्रोडक्शन का 5% निर्यात करने से शुरू करें और जो पहले से निर्यात कर रहे हैं, वो दोगुना कर दें. FICCI अब सभी संभव तरीके से PEACE फॉर्मूले पर काम करने की तैयारी में है.

स्टार्टअप में चीन का निवेश बढ़ा

इस बीच, आंकड़ों और उसके विश्लेषण से जुड़ी कंपनी ग्लोबल डाटा ने एक डाटा जारी किया है. इसके मुताबिक देश के स्टार्टअप में पिछले चार साल में चीनी निवेश में 12 गुना वृद्धि हुई और 2019 में यह बढ़कर 4.6 अरब डॉलर पहुंच गया. यह 2016 में 38.1 करोड़ डॉलर था.

ग्लोबल डाटा के मुताबिक वृद्धि के लिहाज से अच्छी संभावना वाले ज्यादातर स्टार्टअप (यूनिकार्न) को चीनी कंपनियों और वहां की पूर्ण रूप से निवेश इकाइयों का समर्थन है. यूनिकार्न उन स्टार्टअप को कहा जाता है जिनका मूल्यांकन एक अरब डॉलर या उससे ऊपर है.