कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक

कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश में नई नियुक्तियों में चुनावों को देखते हुए न सिर्फ जातिगत समीकरणों को पूरी तरह साधने की कोशिश की है बल्कि हर अंचल को भी प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया है। चार कार्यकारी अध्यक्षों में अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के नेताओं को तवज्जो दी गई है। वहीं मालवा, निमाड़, ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड को प्रतिनिधित्व दिया है।
अनुसूचित जनजाति वर्ग से ताल्लुक रखने वाले बाला बच्चन निमाड़ से आते हैं। उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर उनकी नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया गया है। बाला बच्चन विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हैं। वे सत्यदेव कटारे के निधन के बाद नेता प्रतिपक्ष की दावेदारी कर रहे थे पर हाईकमान ने इस पद पर अजय सिंह की ताजपोशी कर दी थी। वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर उनकी विधानसभा में सक्रियता का ईनाम दिया गया है। रावत ग्वालियर-चंबल से आते हैं। युवा विधायक जीतू पटवारी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर मालवा क्षेत्र को प्रतिनिधित्व दिया गया है। रावत और पटवारी पिछड़ा वर्ग से आते हैं। इसी तरह पूर्व मंत्री और अनुसूचित जाति वर्ग से सुरेन्द्र चौधरी को कार्यकारी अध्यक्ष बनकर बुंदेलखंड को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है। चौधरी सागर के नरयावली से विधायक रह चुके है। वे प्रदेश कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष भी हैं।