कोरोना मरीज ने किया था भुवनेश्वर एक्सप्रेस में सफर, संपर्क में आए थे 129 यात्री

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है. अब तक 131 लोगों के इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि और 3 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच भुवनेश्वर एक्सप्रेस में कोविड-19 से संक्रमित यात्री मिलने की खबर है. जानकारी के मुताबिक वह 129 लोगों के संपर्क में आया, जिसमें से 76 सह-यात्री थे. उसकी ट्रैवल हिस्ट्री के मुताबिक वह इटली से लौटा था. इसके बाद रेलवे ने टीटीई समेत अन्य स्टाफ को सेल्फ क्वारेंटाइन में भेज दिया है.

  • कोरोना वायरस के कारण भारत में अब तक 3 की मौत
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सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने भुवनेश्वर राजधानी के कैटरिंग स्टाफ के 2 कर्मचारियों को ओडिशा के एक अस्पताल में भेजा है. दो दिन पहले इटली से लौटे एक यात्री ने ट्रेन में सफर किया था. यह ट्रेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची थी. राजधानी के एक कोच को ओडिशा में ही अलग कर दिया गया था. वेटर ने रेलवे अधिकारियों को बताया कि वह ट्रेन में एक यात्री से मिला था, जिसकी तबीयत ठीक नहीं थी.

देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सभी शैक्षणिक संस्थान, सिनेमा, मल्टीप्लेक्स और पर्यटक स्थल 2 अप्रैल तक बंद कर दिए हैं. उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया, सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी स्कूल, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को 2 अप्रैल तक बंद करने का आदेश दिया है. प्रतियोगिता एवं अन्य परीक्षाओं को भी 2 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है.

दिल्ली से सटे नोएडा में भी कोरोना वायरस के दो केस सामने आए हैं. नोएडा के सेक्टर-100 में एक महिला और एक पुरुष कोरोना वायरस से पॉजिटिव मिले है. दोनों को उनकी फैमिली के साथ क्वारेंटाइन किया गया है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 31 मार्च तक सभी जिम, नाइट क्लब बंद करवा दिये हैं. 50 से ज्यादा लोगों को एक जगह इकट्ठा होने पर भी रोक लगा दी गई है. केजरीवाल ने कहा है कि हो सके तो शादियां भी टाल दें.
 
दूसरी ओर, भारत सरकार ने कोरोना के मरीजों के अस्पताल से डिस्चार्ज करने के लिए नई पॉलिसी जारी की है. इसके तहत 24 घंटे में दो बार सैंपल टेस्ट किए जाते हैं और दोनों नेगेटिव आने पर डिस्चार्ज किया जाता है क्योंकि सवाल ये उठ रहा था कि आखिर कैसे पता चलता है कि कोई शख्स पूरी तरह ठीक है और उसे अस्पताल से घर भेजा जा सकता है. क्योंकि अगर मरीज पूरी तरह ठीक नहीं हुआ तो वायरस के फैलने की संभावना है.