कोल इंडिया में जल्द होंगी 8 हजार भर्त‍ियां, 2024 तक 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि कोल इंडिया लिमिटेड वित्त वर्ष 2023-24 तक 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन करेगी और कंपनी आगामी वित्त वर्ष (2020-21) में 750 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करेगी. अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कंपनी निकट भविष्य में लगभग 8 हजार भर्तियां करेगी. जोशी ने देश की तेजी से बढ़ रही ऊर्जा आवश्यकताओं के मद्देनजर लक्ष्यों को पूरा किए जाने की दिशा में शिद्दत से जुट जाने के निर्देश कोल इंडिया प्रबंधन को दिए हैं और कहा कि लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए भारत सरकार और कोयला मंत्रालय कोल इंडिया की हरसंभव मदद करेगा. जोशी ने शुक्रवार को कोलकाता में कोल इंडिया के 45वें स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए ये बातें कहीं.

समारोह को संबोधित करते हुए जोशी ने इस बात पर खुशी जताई कि कोल इंडिया राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अपने कोयला उत्पादन को बढ़ाने हेतु व्यापक पूंजीगत व्यय करेगी. साथ ही, कंपनी बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन कर अपने लक्ष्यों को समय पर हासिल करेगी.

भारत सरकार की महारत्न कंपनी कोल इंडिया के समारोह में जोशी ने कहा कि देश में बिजली की मांग जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उसे देखते हुए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के एक-दूसरे के कार्यों को प्रभावित किए बिना कोयला उत्पादन करने की असीम संभावनाएं हैं.

कोयला क्षेत्र में ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई के केंद्र सरकार के हालिया फैसले को कोयला क्षेत्र का अत्यावश्यक संस्थागत सुधार बताते हुए जोशी ने कहा कि इस कदम से कोयला आयात पर देश की निर्भरता कम होगी और सरकारी खजाने पर बोझ कम होगा.

कोयला मंत्री ने साफ किया कि कोयला क्षेत्र में एफडीआई के निर्णय का संबंध कोल इंडिया में एफडीआई से कतई नहीं है. बल्कि सरकार कोल इंडिया को और मजबूत करने की दिशा में कटिबद्ध है. उन्होंने कहा कि एफडीआई से देश में उच्च स्तर की कोल माइनिंग तकनीक और आधुनिक प्लानिंग आएगी, जिसे कोल इंडिया भी अपना सकती है. दूसरी तरफ, एफडीआई करने वाली कंपनियां स्थानीय स्थितियों की समझ एवं विभिन्न स्थानीय मुद्दों पर सही तरीके से कार्य करने के गुर कोल इंडिया से सीख सकती है. लिहाजा एफडीआई को लेकर घरेलू कोयला कंपनियों में किसी भी तरह की आशंका बेबुनियाद है.