नर्मदा घोटाला यात्रा निकालने का ऐलान करने वाले बाबाओं को शिवराज ने बनाया मंत्री

मध्य प्रदेश में नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकालने का ऐलान करने वाले बाबाओं को शिवराज सरकार ने राज्यमंत्री के दर्जे से नवाजा है. नर्मदा नदी के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए सरकार ने एक विशेष समिति बनाई है, जिनमें पांच सदस्यों में दो ने एक सप्ताह पहले ही सरकार के पिछले साल एक दिन में 6.67 करोड़ पौधे लगाने को 'महाघोटाला' करार दिया था.

दरअसल, 28 मार्च को साधु-संतों की एक बड़ी बैठक हुई थी. इस बैठक में पिछले साल दो जुलाई को सरकार के एक दिन में करोड़ों पौधे लगाने के दावे का रियालिटी चैक करने का मुद्दा छाया रहा था. बैठक में तय हुआ था कि राज्य के 45 जिलों में लगाए गए करीब पौने सात करोड़ पेड़ों की गिनती कराई जाएगी.

बाबाओं ने सरकार के पौधारोपण अभियान को महाघोटाला बताते हुए 'नर्मदा घोटाला यात्रा' निकालने का ऐलान किया था. इस यात्रा में शामिल होने वाले कम्प्यूटर बाबा और योगेंद्र महंत को अब सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया है. सरकार के इस ऐलान के बाद दोनों के सुर बदल गए है और अब दोनों घोटालों के बजाए जनजागरण, हरियाली बढ़ाने और नर्मदा के बहाव बढ़ाने जैसे मुद्दे का जिक्र कर रहे हैं.

दरअसल, शिवराज सरकार ने नर्मदा नदी के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए एक विशेष समिति बनाई है. इसमें पांच संत सदस्य है और सभी को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है.

राज्य शासन ने प्रदेश के विभिन्न चिन्हित क्षेत्रों विशेष रूप से नर्मदा के किनारे पौधरोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति निरंतर जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए विशेष समिति गठित की है.

इस समिति में बतौर सदस्य नर्मदानंद, हरिहरानंद, कम्प्यूटर बाबा, भैय्यू महाराज और पंडित योगेंद्र महंत को शामिल किया गया है. इन सभी को राज्यमंत्री का दर्जा मिलेगा.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा' निकालने के बाद पौधरोपण किया था. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी अपनी पत्नी अमृता राय सिंह के साथ पदयात्रा कर रहे हैं.