कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों से शेयर बाजार में गिरावट, यस बैंक में 23 फीसदी उछाल

कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों की वजह से गुरुवार को शेयर बाजार में कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई है. सुबह कारोबार की शुरुआत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का सेंसेक्स 227 अंकों की गिरावट के साथ 38,032 पर खुला और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 11,280 से भी नीचे चला गया. हालांकि, संकट में चल रहे यस बैंक के शेयर भाव में 23 फीसदी का उछाल देखा गया.

क्यों गिरा बाजार

शेयर बाजार में सुबह से ही काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. बाद में बाजार थोड़ा संभल गया और सुबह 9.45 बजे तक बीएसई सेंसेक्स 96 अंकों की गिरावट के साथ 38,209 पर कारोबार कर रहा था. बाजार में यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय बाजारों के कमजोर संकेतों से आई है. अमेरिका में दो साल का यूएस ट्रेजरी यील्ड दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है और प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर में गिरावट आई है. अमेरिका के कमजोर आर्थ‍िक आंकड़ों ने यह साफ कर दिया है कि चीन के साथ ट्रेड वॉर से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है.

बुधवार को गांधी जयंती की वजह से शेयर बाजार बंद था. इसके पहले मंगलवार को शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया था. मंगलवार को कारोबार के दौरान सेंसेक्स में 920 अंकों तक की गिरावट आ चुकी थी और अंत में सेंसेक्स 362 अंकों की गिरावट के साथ 38,305.41 पर बंद हुआ था.

यस बैंक के शेयर क्यों चढ़ रहे

यस बैंक के शेयरों में 23 फीसदी तक का उछाल देखने से ऐसा लगता है कि इसके सस्ते शेयरों की जमकर खरीद कर रहे है. असल में मंगलवार को कारोबार के दौरान यस बैंक के शेयर अब तक के सबसे निचले स्तर पर 29.05 रुपये पहुंच गए. इसका बाजार पूंजीकरण 8,000 करोड़ रुपये से नीचे चला गया है. दिन में कारोबार के दौरान यस बैंक के शेयर 30 फीसदी तक टूट गए. इसलिए इसमें बहुत से लोग निवेश करने का अवसर देखने लगे हैं.

असल में मध्यम आकार के कॉरपोरेट के कर्जों का समाधान इस वित्त वर्ष में शुरू हुआ है जिसके लपेटे में कई बैंक आ रहे हैं. यस बैंक के बड़े स्तर पर इंडिया बुल्स को कर्ज देने की खबर से इसके शेयर कई दिन से टूट रहे थे, हालांकि इसके सीईओ ने इन खबरों को अफवाह बताया है.

आर्थिक मसलों पर केंद्र सरकार के हालिया फैसलों से बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार की सकरात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली. शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक के नतीजों और सप्ताह के दौरान जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर होगी.