मुस्लिम पक्ष बोला- हिंदुओं के पास सीमित अधिकार, कई बार हुई अतिक्रमण की कोशिश

सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर निर्णायक सुनवाई जारी है. शुक्रवार को इस सुनवाई का 33वां दिन है और सर्वोच्च अदालत में मुस्लिम पक्ष की ओर से ASI की रिपोर्ट पर दलील दी जा रही है. गुरुवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा था कि इस मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी होनी चाहिए, वरना फैसला जल्द आने का चांस कम हो सकता है.

गुरुवार को सुनवाई में क्या हुआ?

गुरुवार को जब अयोध्या मसले पर सुनवाई शुरू हुई तो चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मामले को समयसीमा में खत्म करने को कहा. उन्होंने कहा कि इसकी सुनवाई 18 अक्टूबर तक खत्म होनी चाहिए, ऐसा नहीं होने पर जल्द फैसले के चांस कम होंगे. इसके अलावा चीफ जस्टिस ने कहा था कि एक महीने में फैसला देना एक तरह का चमत्कार होगा.

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कब से चल रही है रोजाना सुनवाई?

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस की रोजाना सुनवाई 5 अगस्त से शुरू हुई थी. तभी से हफ्ते में पांच दिन ये केस सुना जा रहा है. बीते दिनों से इस मामले की सुनवाई कोर्ट में एक घंटे अधिक हो रही है.

मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. इस संवैधानिक पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं.