विदेश से लौटने के बाद प्रियंका गांधी सक्रिय, सचिवों के साथ बैठक

विदेश से लौटने के बाद कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी पार्टी को दोबारा खड़ा करने के लिए सक्रिय हो गई हैं.

विदेश से लौटने के बाद कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी पार्टी को दोबारा खड़ा करने के लिए सक्रिय हो गई हैं. सूबे में कांग्रेस के अंदरूनी हालात को दुरुस्त करने और जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने की दिशा में प्रियंका गांधी ने सोमवार को अपने तीन सचिवों के साथ बैठक कर जायजा लिया. प्रियंका गांधी का यह मंथन यूपी में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले उपचुनाव से पहले हो रहा है.

लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की अपनी सभी जिला कमेटियों को भंग कर दिया था और संगठनात्मक बदलाव के लिए विधायक अजय सिंह लल्लू को प्रभारी नियुक्त किया था. इसके अलावा प्रियंका गांधी ने अपने तीनों सचिवों को संगठन में युवा नेताओं को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने तरजीह देने की बात कही थी.

प्रियंका गांधी सोमवार को अपने सचिव जुबैर खान, सचिन नायक और बाजीराव खाडे के साथ बैठक कर रही हैं. माना जा रहा है कि इन नेताओं के साथ संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ उपचुनाव के लिए मंथन कर रही हैं.  

उत्तर प्रदेश की 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. उसमें एक-एक सीट एसपी-बीएसपी और 10 सीटें बीजेपी के पास थी. लोकसभा चुनाव में 11 विधायकों के सांसद बन जाने और हमीरपुर सीट के बीजेपी विधायक को उम्रकैद की सजा हो जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया था. इस तरह से सूबे में 12 विधानसभा सीटें रिक्त हुई हैं.

कांग्रेस उपचुनाव में अपनी मौजूदगी दिखाने और जीत के लिए सभी 12 सीटों पर एक-एक प्रभारी बनाने जा रही है. यह प्रभारी सीधे ब्लॉक, सेक्टर और बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से मिलेगा. उम्मीदवार कौन बेहतर होगा उसका नाम जानेगा. चुनाव कैसे जीतें, उस पर राय लेगा. इसकी रिपोर्ट पर ही कांग्रेस अपना कैंडिडेट तय करेगी.

बता दें कि प्रियंका गांधी ने कांग्रेस में बड़े बदलाव की रूपरेखा तैयार की थी. कांग्रेस संगठन पर सालों से काबिज बुजुर्ग नेताओं को हटाकर 40 साल से कम उम्र के युवा नेताओं को संगठन में तरजीह देकर कांग्रेस को 'जुझारू' बनाने की रणनीति बनाई है. इसके लिए प्रियंका ने अपने तीनों सचिवों से कहा था कि संगठन में युवाओं की भागीदारी बढ़ाई जाए और इसके लिए जिला कमेटियों के लिए 40 साल या इससे कम उम्र के नेताओं की खोज की  जाए.

प्रियंका की नजर युवा ब्रिगेड के साथ-साथ किसान नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और छात्र नेताओं पर भी है. ओबीसी और एससी समुदाय के जनाधार वाले नेताओं को कांग्रेस संगठन में जोड़ने और अहमियत देने का प्लान बनाया है. माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी से साथ चल रही सचिवों की बैठक में इसी रणनीति पर विचार विमर्श किया जाएगा.

बता दें कि प्रियंका गांधी से साथ कांग्रेस महासचिव बने और पश्चिम यूपी के प्रभारी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. फिलहाल प्रियंका गांधी पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभाल रही हैं.