दिग्विजय की परिक्रमा नक्सली इलाके में, सुरक्षा पर सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह नर्मदा परिक्रमा पर हैं। उनकी परिक्रमा नक्सली इलाके में पहुंच गई है। उनके साथ करीब 500 लोग हैं। नक्सली धार्मिक यात्राओं में विश्वास नहीं करते। कांग्रेसी नेता नक्सली हमलों का शिकार हो चुके हैं । ऐसे में उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिसबल काफी कम है। यह आरोप पूर्व विधायक किशोर समरीते ने लगाया है। इधर पुलिस का कहना है कि उनकी सुरक्षा में पर्याप्त बल मौजूद है और दिग्विजय सिंह को कोई आपत्ति नहीं है।
पूर्व विधायक किशोर समरीते ने बताया कि 'मैं मां नर्मदा के दर्शन करने अमरकंटक जा रहा था, मुझे पता चला कि कूड़ा गांव के मढियारास के पास दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा रुकी हुई है। क्योंकि दिग्विजय सिंह की जो नर्मदा यात्रा है वो पद यात्रा है। जिससे मेरे अंदर एक भाव पैदा हुआ कि चलो देखा जाए कि 10 साल तक सीएम रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता और राष्ट्रीय महासचिव से मुलाकात करें। वहां मैने देखा कि पुलिस प्रोटेक्शन में सरकार बिल्कुल लापरवाही बरत रही है। उन्होने कहा कि मंडला, अनूपपुर और डिंडौरी नक्सली जिले हैं। अभी मंडला जिले में 2 बड़ी घटनाएं हुई हैं, जहां नक्सलियों ने रेस्ट हाउस जलाया और पर्चे बांटे। मेरा ये कहना है कि उनको जो पुलिस प्रोटेक्शन दिया गया है, मुझे लगता नहीं कि कोई बड़ा है। सबसे पहले मंडला, अनूपपुर और डिंडौरी जिले के पुलिस अधीक्षकों को निलंबित करना चाहिए।
वहीं जब तक नर्मदा यात्रा नक्सली जिले से निकल नहीं जाती तब तक सीआरपीएफ के जवान तैनात किये जाने की बात कही। नक्सली धार्मिक यात्रा पर विश्वास नहीं करते हैं और ना उनका भारत के संविधान में विश्वास है। दूसरी तरफ नर्मदा परिक्रमा में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे इंस्पेक्टर वी एल टेकाम का कहना है कि नर्मदा परिक्रमा में अपने अपने थाना क्षेत्रो में एक सब इन्स्पेक्टर, एक एएसआई, एक हवलदार, एक कांस्टेबल, एक महिला कांस्टेबल सुरक्षा में रहते हैं। रात में अलग से एसएफ गार्ड लगाए जाते हैं। वहीं दिग्विजय सिंह ने नर्मदा यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया है।