UP की गंगा: 8.80 करोड़ लोगों की जीवनधारा पर हो रही राजनीति

गंगा जिसपर अभी राजनीति की धारा बह रही है, वह उत्तर प्रदेश में बिजनौर जिले से प्रवेश करती है. गंगा की धारा 1140 किलोमीटर तक बहते हुए बलिया जिले में जाकर यूपी की सीमा से आगे बढ़ जाती है. उत्तर प्रदेश के 26 जिलों के करीब 8.80 करोड़ लोगों को गंगा अपने धार्मिक, आर्थिक, भौगोलिक, राजनीतिक धाराओं से सींचती हैं.

100 फीट की गहराई वाली गंगा में मछलियों की 375 प्रजातियों, 35 सरीसृप और 42 स्तनधारी जीव-जंतुओं का घर भी है. वैज्ञानिकों ने तो उत्तर प्रदेश और बिहार में ही 111 मत्स्य प्रजातियों की उपलब्धता बताई है. गंगा यूपी के कृषि आधारित अर्थ में भारी सहयोग भी करती है. यह अपनी सहायक नदियों के साथ मिलकर गंगा पट्टी में उगाई जाने वाली फसलों की सिंचाई के लिए बारहमासी स्रोत भी हैं. गंगा का महत्व पर्यटन से होने वाले आय के कारण भी है. गंगा किनारे बसे प्रयागराज और वाराणसी में धार्मिक पर्यटन के हिसाब से तीर्थ स्थलों विशेष स्थान रखते हैं.

वैज्ञानिकों का मानना है कि गंगा में जल में बैक्टीरियोफेज विषाणु होते हैं, जो हानिकारक सूक्ष्मजीवों को खत्म कर देते हैं. इसके जल में ऑक्सीजन की मात्रा को बनाए रखने की असाधारण क्षमता है. लेकिन अब गंगा के तट पर घने बसे औद्योगिक नगरों के नालों की गंदगी सीधे गंगा नदी में मिलने से प्रदूषण पिछले कई सालों से भारत सरकार और जनता के चिंता का विषय बना हुआ है.