कला व संस्कृति के संरक्षण के साथ प्रदेश सरकार विकास पथ पर अग्रसर : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
संगीतधानी ग्वालियर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के वर्चुअल मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुए तानसेन समारोह में शास्त्रीय संगीत के प्रख्यात गायक पं. राजा काले मुम्बई को वर्ष 2024 एवं विश्व विख्यात संतूर वादक पं. तरुण भट्टाचार्य कोलकाता को वर्ष 2025 के तानसेन अलंकरण से विभूषित किया गया। इसी तरह मण्डलेश्वर की साधना परमार्थिक संस्थान समिति को वर्ष 2024 एवं ग्वालियर की रागायन संगीत समिति को वर्ष 2025 के राजा मानसिंह तोमर सम्मान से अलंकृत किया गया। साधना परमार्थिक संस्था की ओर से श्रीमती प्रेरणा कोल्हटकर एवं रागायन संस्था की ओर से महंत रामसेवकदास जी महाराज ने सम्मान प्राप्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी सम्मानित मूर्धन्य संगीत साधकों को बधाई एवं शुभकामनायें दीं। साथ ही कहा कि मध्यप्रदेश सरकार कला, संस्कृति का संरक्षण करते हुए विकास के पथ पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में सांस्कृतिक अभ्युदय हो रहा है।
ऐतिहासिक ग्वालियर दुर्ग से पूरी दुनिया को शून्य का परिचय करा रहे “चतुर्भुज मंदिर” की थीम पर तानसेन समाधि परिसर में बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर सोमवार की सांध्य बेला में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के वर्चुअल मुख्य आतिथ्य में शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश एवं दुनिया के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव तानसेन समारोह का भव्य शुभारंभ हुआ। समारोह की अध्यक्षता संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने की। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं विधायक श्री मोहन सिंह राठौर बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संगीत की नगरी ग्वालियर में आयोजित होने वाला तानसेन संगीत समारोह प्रदेश व देश का सबसे प्रतिष्ठित समारोह है। संगीत सम्राट तानसेन भारतीय शास्त्रीय संगीत के शिखर पुरुष थे। तानसेन की सुर और तान ने ग्वालियर को दुनिया में अलग पहचान दिलाई। गान महिर्षि तानसेन ने अपने गुरू स्वामी हरिदास जी के साधिन्य में संगीत की बारीकियां सीखकर ध्रुपद गायिकी सहित शास्त्रीय संगीत को नए आयाम दिए। तानसेन की ख्याति ऐसी थी कि उन्हें अकबर ने अपने नवरत्नों में शामिल किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वैदिक काल से शास्त्रीय संगीत हमारे जीवन और संस्कृति का हिस्सा रहा है। सामवेद इसका साक्षी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में कला व संस्कृति को नए आयाम मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी अद्वितीय छाप छोड़ रहा है। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है।