थाईलैंड पीएम का सीक्रेट फोन कॉल लीक, 17 मिनट के चक्कर में कुर्सी खतरे में

थाईलैंड में सियासी भूचाल मच गया है. थाईलैंड की पीएम पेटोंगटार्न शिनावात्रा का सीक्रेट फोन कॉल लीक हो गया. इसके कारण उनकी कुर्सी खतरे में पड़ गई है. केवल उनकी कुर्सी ही नहीं, सरकार भी खतरे में है. आशंका तो तख्तापलट की भी जताई जा रही है. थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न का यह लीक्ड फोन कॉल कंबोडिया के नेता के साथ की है. बवाल की जड़ भी यह फोन कॉल ही है. उनकी सहयोगी पार्टी सरकार से अलग हो गई है. विपक्ष इस्तीफे और नए सिरे से चुनाव की मांग कर रहा है. हालांकि, थाईलैंड पीएम फोन कॉल लीक पर माफी भी मांग चुकी हैं, मगर बात बनती नजर नहीं आ रही. थाईलैंड में कुल मिलाकर 17 मिनट की कॉल से राजनीतिक संकट गहरा गया है.

दरअसल, 15 जून को हुई 17 मिनट की कॉल में थाईलैंड पीएम पेटोंगटार्न ने कंबोडिया के नेता हुन सेन से थाईलैंड-कंबोडिया बॉर्डर विवाद पर बात की थी. इसी लीक ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को तनावपूर्ण किया, बल्कि पेटोंगटार्न की कुर्सी को भी खतरे में डाल दिया है. विवाद की जड़ 28 मई को ‘एमराल्ड ट्रायंगल’ में हुई एक सैन्य झड़प है. यहां थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस की सीमाएं मिलती हैं. यूं समझिए कि नो मेंस लैंड. इस झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी. इसके बाद दोनों देशों में राष्ट्रवादी भावनाएं भड़क उठीं. कंबोडिया ने थाईलैंड पर ड्रोन उड़ाने और सैन्य उकसावे का आरोप लगाया, जबकि थाईलैंड ने इनकार किया. कंबोडिया ने थाई आयात, टीवी ड्रामा और इंटरनेट बैंडविड्थ पर बैन लगा दिया, जिससे तनाव और बढ़ गया.


थाईलैंड पीएम की किस बात से नाराजगी
थाईलैंड पीएम पर पहले से भी आरोप लगते रहे हैं कि उनका कंबोडिया के प्रति नरम रुख रहता है. यही कारण कि वह दक्षिणपंथी राष्ट्रवादियों के निशाने पर रही हैं. थाईलैंड पीएम की 17 मिनट की यह बातचीत कंबोडिया की सीनेट के अध्यक्ष हुन सेन के साथ है. जब 17 मिनट की रिकॉर्डिंग थाई लोगों के सामने आई तो हाहाकार मच गया. इस बातचीत में थाई पीएम पैटोंगटार्न ने हुन सेन को ‘अंकल’ कहकर संबोधित किया था. यह बात थाई लोगों को नागवार गुजरी. थाईलैंड की पीएम इसलिए भी निशाने पर हैं, क्योंकि उन्होंने थाई सेना के एक अधिकारी को विरोधी कहा. वह थाई सेना का जवान उस सीमा इलाके की कमान संभाल रहा था, जहां झड़प हुई थी.