रामकृष्ण मिशन आश्रम का मामला-स्वामी के पास कम्बोडिया से आया फोन और हो गयी 2.52 रूपये की ठगी

ग्वालियर. रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद से 2.52 करोड़ रूपये की ठगी करने वाले 10 आरोपियों को पुलिस यूपी के लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। ठगी के इस मामले में अभी तक 19 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पकड़े गये आरोपियों में 2 आरोपी कंबोडिया व म्यांमार में ठगी के स्टूडियों संचालित करने वाले गैंग के आरोपियों से जुड़े हैं। यह दोनों आरोपियों ने ठगी का रूपया खातों से अपने स्लीपर सेल से निकलवाने केबाद क्रिप्टो करेंसी में कनवर्ट कर गैंग के बताये अकाउंट में भेजते थे। यह दोनों आरोपी ठगी के लिये सेविंग खाते 20-30 हजार में और कंपनी के करंट खाते संचालित करने के लिये 1 लाख रूपये तक देते थे।
एएसपी कृष्ण लालचंदानी ने बताया कि साइबर ठगी के मामले में ग्वालियर साइबर पुलिस ने पहली बार दूसरे राज्य में दविश देकर एक साथ 10 आरोपियों को दबोचा है। इन आरोपियों को पकड़ने के लिये दिन-रात साइबर थाने में बैठकर उनकी लोकेशन की निगरानी कर दविश दी। यह टीम अमित शर्मा, धर्मेन्द्र कुशवाह, रजनी रघुवंशी की अगुआई में आरोपियों को दबोचा है।
पकड़े गए आरोपी
सचिन गुप्ता निवासी अलीगंज लखनऊ, शौर्य शुक्ला निवासी लालकुंआ लखनऊ, अर्सलान अली, सुल्तान मंसूरी निवासी काशीनगर कॉलोनी लखनऊ, शिवांश सैनी निवासी सुमति बिल्डिंग इल्डिगो सिटी लखनऊ, रवि आनंद साहनी निवासी सुमति बिल्डिंग इल्डिगो सिटी लखनऊ, अदनान खान निवासी बक्सा मार्केट लखीमपुर खीरी, शिवम सिंह निवासी सूरजकुंड कॉलोनी गोरखपुर, विनायक सिंह निवासी प्रेमबाग कॉलोनी लखनऊ, हिरतेश कुमार विकासनगर लखनऊ शामिल हैं। वहीं एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि पकड़े गए सभी आरोपियों को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।
खातों में रुपए आने से पहले ही वाट्सएप पर आती थी सूचना
पकड़े गए ठगों ने पूछताछ में बताया कि शिवांश, रवि आनंद के पास खरीदे गए खातों में ठगी के रुपए आने से पहले ठगों की तरफ से सूचना वाट्सएप पर आती थी। दोनों आरोपियों ने कहा कि वाट्सएप पर सूचना देने वालों से वह मिले नहीं हैं, उनसे केवल मोबाइल पर ही संपर्क है। पकड़े गए ठगों ने बताया कि अर्सलान अली, सुल्तान व शौर्य शुक्ला ठगी के लिए फर्जी बैंक खाते खुलवाता था। वहीं शिवांश सैनी, रवि, आनंद साहनी ठगी के खातों से रुपया निकलवाने के बाद उस रकम को क्रिप्टो करंसी में बदल कर ठगों तक पहुंचाते थे। इसके बदले में उन्हें मोटी रकम मिलती थी।